इंदौर। बड़वाह के कृष्णकांत शर्मा की पत्नी प्रिया शर्मा फिलहाल डीआरडीओ में पदस्थ हैं. वह अपनी रिसर्च के आधार पर इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु में कार्यरत हैं. वह फिलहाल आदित्य L1 पेलोड की फाइनल टेस्टिंग का हिस्सा है. बताया जा रहा है कि अब आदित्य L1 के सूर्य की कक्षा में पहुंचने के बाद वेल पेलोड से जो डाटा आएगा, उसका एनालिसिस भी प्रिया की टीम करने जा रही है. ये उपलब्धि प्रिया के लिए किसी सपने के साकार होने जैसी है.
ऐसा रहा प्रिया का सफर : प्रिया शर्मा का कहना है कि उन्होंने खरगोन के मंडलेश्वर स्थित एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक की डिग्री ली थी. इसके बाद उन्होंने इंदौर के एसजीएसआईटीएस कॉलेज ऑप्टो इलेक्ट्रॉनिक्स विषय से M.Tech की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद प्रिया शर्मा ने डीआरडीओ में एंट्रेंस की तैयारी की और उन्हें 2019 में सिलेक्शन के बाद सफलता मिली. तभी से प्रिया शर्मा डीआरडीओ में रक्षा क्षेत्र से जुड़े अनुसंधान का हिस्सा भी रही हैं. हाल ही में उनके रिसर्च के आधार पर उनका सिलेक्शन इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु में हुआ. इसके बाद से ही वे आदित्य एल1 के पेलोड की फाइनल टेस्टिंग टीम का हिस्सा बनी हुई हैं. पेलोड को आदित्य L1 यान के साथ अटैच किया गया, तभी वह इसरो में मौजूद थीं.
आदित्य L1 में प्रिया का बड़ा रोल : दरअसल, हरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से लांच होने के बाद आदित्य L1 सूर्य की एल्बम कक्षा में स्थापित हो चुका है. इसी कक्षा में इसमें लगे 7 पेलोड सूर्य के तापमान के अलावा विभिन्न परिस्थितियों का अध्ययन करेंगे. इसमें सबसे खास वीईएएलसी पेलोड प्रिया शर्मा के रिसर्च और भागीदारी से तैयार हुआ है, जो मिशन के रिसर्च में सबसे महत्वपूर्ण है. प्रिया के मुताबिक यह पेलोड इंडियन इंस्टीट्यूट आफ एस्ट्रोफिजिक्स बेंगलुरु में तैयार किया गया. जिसमें उन्होंने ऑप्टिकल डिजाइन एनालिसिस और सिमुलेशन के माध्यम से अपना योगदान दिया है.
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क्या है सोलर मिशन आदित्य L-1 : गौरतलब है कि सूर्य के अध्ययन के लिए ISRO का सोलर मिशन आदित्य L-1 शनिवार को लांच किया गया है. श्री हरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से इसे लांच किया गया. करीब 4 माह बाद आदित्य एल-1 के सूर्य के एल-1 कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है. इसमें लगाए गए पेलोड कई बिंदुओं पर रिसर्च करेंगे. इस मिशन में 7 पेलोड भी लगाए गए हैं. इसमें सबसे खास वीईएएलसी पेलोड को मिशन का हार्ट कहा है. इसी हार्ट को बनाने में प्रिया का बड़ा रोल है. प्रिया की इस सफलता से खरगोन जिले के साथ ही पूरा मध्यप्रदेश गौरान्वित है.