रतलाम: मकर संक्रांति के दिन गिल्ली-डंडा प्रीमियर लीग का रोमांचक फाइनल मुकाबला देखने को मिला. वहीं, रतलाम के धामनोद में खेली जा रही इस खास गिल्ली डंडा प्रीमियर लीग से बच्चे और बूढ़े भी प्रोत्साहित होकर गिल्ली डंडा का आनंद लेते हुए नजर आए. मध्य प्रदेश के रतलाम में यह खास आयोजन गिल्ली डंडा के खेल को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया था. इस लीग में कुल 6 टीमों ने हिस्सा लिया, जिसमें अच्छे-अच्छे खिलाड़ी शामिल थे. फाइनल मुकाबला बालाजी क्लब और ब्रदर्स क्लब के बीच खेला गया. जिसमें बालाजी क्लब ने निर्धारित 600 अंक हासिल कर फाइनल मुकाबला जीत लिया. बड़ी संख्या में लोग इस मुकाबले को देखने भी पहुंचे.
गिल्ली-डंडा प्रीमियर लीग की दूसरा सीजन
दरअसल, इस बैट बॉल नहीं गिल्ली डंडे की धूम, IPL जैसे प्रीमियर लीग में दमखम से उड़ रही गिल्ली, देखें लीग का उद्देश्य युवाओं और बच्चों को इस प्राचीन खेल से जोड़ना था. जिसमें धामनोद युवाओं को सफलता भी मिली है. आयोजन समिति के कमलेश राव ने बताया कि "गिल्ली डंडा प्रीमियर लीग का यह दूसरा सीजन था. जो कि बेहद सफल रहा है. इसकी पॉपुलैरिटी को देखकर अगले वर्ष इसे बड़े स्तर पर आयोजित करने की योजना है. मुकाबला देखने आए बुजुर्ग लोगों ने भी इस प्रयास की सराहना की है और उनका कहना है कि हमें लगता था कि गिल्ली डंडा का पारंपरिक खेल अब खत्म हो गया है. लेकिन इतने अच्छे आयोजन से बच्चे गिल्ली डंडा खेलने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं.
बालाजी क्लब और ब्रदर्स क्लब में मुकाबला
रतलाम के धामनोद कस्बे में गिल्ली डंडा लीग का आयोजन धामनोद युवा संगठन ने किया था. आयोजन इस लीग में 6 टीमें शामिल हुई. प्रत्येक टीम में 6-6 खिलाड़ी थे. तीन-तीन टीमों को दो ग्रुप में बांटा गया है. प्रत्येक टीम ने चार मैच खेले. पॉइंटस के आधार पर सेमीफाइनल में चार टीमें पहुंची. इसके बाद आज फाइनल मुकाबला बालाजी क्लब और ब्रदर्स क्लब के बीच खेला गया.
![Ratlam Balaji Club wins final match](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/14-01-2025/gillidanda_14012025170144_1401f_1736854304_17.jpg)
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जिसमें बालाजी क्लब ने जीत दर्ज कर 21000 रुपए और शील्ड का पुरस्कार प्राप्त किया. उपविजेता ब्रदर्स क्लब को 11 हजार रुपए और शील्ड का इनाम दिया गया. मैन ऑफ द टूर्नामेंट गोपाल गोरा पाटीदार बने. जिन्हें 501 रुपए का पुरस्कार मिला है. बहरहाल, यह आयोजन छोटे रूप में ही सही लेकिन गिल्ली डंडा के प्राचीन खेल को बढ़ावा देने वाला साबित हो रहा है. किसी क्रिकेट टूर्नामेंट की तरह ही यह रोमांचक और युवाओं को जोड़ने वाला आयोजन बन गया है.