शहडोल: जिले के बाणसागर में मकर संक्रांति के अवसर पर ऐतिहासिक मेला सोंण महोत्सव का आयोजन किया गया. सोन नदी के किनारे हर साल इस मेले का आयोजन किया जाता है, लेकिन इस साल भव्य तरीके से आयोजन किया गया. जिसमें प्रदेश के उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी शामिल हुए. सोंण महोत्सव कार्यक्रम में सीधी संसदीय क्षेत्र के सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, ब्यौहारी विधायक शरद कोल भी शामिल हुए. इस दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया. जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे.
'बाणसागर डैम विंध्य क्षेत्र के लिए वरदान'
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि "बाणसागर डैम विंध्य क्षेत्र के लिए वरदान है. बाणसागर डैम से विंध्य क्षेत्र के साथ-साथ देश के कई प्रदेशों में पीने एवं सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति की जाती है. वहीं, नदियों के किनारे स्थित मंदिरों में मकर संक्रांति के पर्व पर मेले का आयोजन किया जाता है. जिसमें काफी आनंद और उत्साह के साथ सपरिवार लोग सम्मिलित होते हैं."
उन्होंने कहा "विंध्य क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में भी एक आकर्षण का केंद्र है. यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. बाणसागर डैम के टापू में बना सरसी आइलैंड भी एक मुख्य पर्यटक स्थल है. आगामी कुछ समय में पर्यटक सरसी आईलैंड से जल मार्ग के माध्यम से बाणसागर डैम तक सफर कर पर्यटन का आनंद उठा सकेंगे."
- मकर संक्रांति पर बुंदेलखंड की अनोखी परंपरा, जानें क्यों यहां होती है घोड़ों की पूजा
- 'भगवान उड़ाते हैं पतंग', प्राचीन परंपरा आज भी जिंदा, मकर संक्रांति पर भक्तों की उमड़ी भीड़
बाणभट्ट की तपोस्थली बाणसागर
इतिहासकार रामनाथ परमार बताते हैं कि "वर्तमान में जो बाणसागर बना हुआ है, वह कभी आचार्य बाणभट्ट के नाम से जाना जाता था. यह बाणभट्ट की तपोस्थली हुआ करती थी. आचार्य बाणभट्ट के नाम पर ही बाणसागर डैम का नाम बाणसागर पड़ा है. ये सोन नदी पर बना हुआ है. इसी स्थल पर सैकड़ों सालों से मेले का आयोजन किया जाता है. जिसे सोंण महोत्सव का नाम दिया गया है. यह बहुत ही अद्भुत और मनोरम स्थल है. यहां पर क्रोकोडाइल और कई जलीय जीवों को देखने लोग पहुंचते हैं."