श्रीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन किया, जिससे दर्शनीय पर्यटन स्थल तक पहुंच बढ़ गई. इस बीच कश्मीर और लद्दाख के बीच हर मौसम में संपर्क के लिए महत्वपूर्ण जोजिला सुरंग के 2025 के अंत तक आपातकालीन और रक्षा उद्देश्यों के लिए चालू होने की उम्मीद है.
जोजिला सुरंग का निर्माण करने वाली फर्म मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) के परियोजना प्रमुख हरपाल सिंह ने ईटीवी भारत को बताया, "हमारी परियोजना के दो भाग हैं. पहला भाग, सोनमर्ग से बालटाल तक 18 किलोमीटर की सड़क, जो पूरी तरह से बनकर तैयार हो गई है. जेड-मोड़ सुरंग जिसका नाम अब सोनमर्ग सुरंग रखा गया है, जिसको कल प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को समर्पित किया. हालांकि उन्हें जोजिला सुरंग के बालटाल पोर्टल का दौरा करना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से वे दौरा नहीं कर सके."
'2800 मीटर से कम काम बाकी'
सिंह ने कहा, "दूसरे भाग में 13 किलोमीटर की जोजिला सुरंग शामिल है, जो देश की सबसे शक्तिशाली राजमार्ग सुरंग है." वर्तमान में 2800 मीटर से कम काम बाकी है, और तेजी से काम चल रहा है. दिसंबर 2025 तक, हम किसी भी हालत में कश्मीर को लद्दाख से जोड़ने की उम्मीद करते हैं. हमें दिसंबर में सफलता मिलेगी, लेकिन सुरंग का उपयोग शुरू में हेल्थ इमरजेंसी स्थिति और रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जाएगा क्योंकि यह अभी भी कच्ची अवस्था में होगी."
'1200 लोग कर रहे काम'
कार्यबल के बारे में सिंह ने कहा, "लगभग 1,200 लोग इस परियोजना पर काम कर रहे हैं. अगर मौसम की स्थिति अनुकूल रहती है और हिमस्खलन, जो पिछले दो वर्षों में देरी का कारण बना है, प्रगति को बाधित नहीं करता है, तो लद्दाख और कश्मीर के लोग दिसंबर 2027 तक 80 किमी/घंटा की गति से ज़ोजिला सुरंग से यात्रा कर सकेंगे."
दिसंबर 2027 तक सुरंग का काम पूरा
सिंह ने पिछले साल जेड-मोड़ सुरंग के मजदूरों पर हुए हमले को भी संबोधित किया. उन्होंने कहा, "जेड-मोड़ परियोजना को संभालने वाली फर्म एपीसीओ के मजदूरों के साथ हमारे सौहार्दपूर्ण संबंध हैं. हमले के दौरान हमारे पास लगभग 1,100 श्रमिक थे, जिनमें से 90 प्रतिशत जम्मू कश्मीर से थे, जिससे हमारी परियोजना पर प्रभाव कम हो गया. कश्मीर के लोगों ने पिछले कई वर्षों में ऐसी घटनाओं को करीब से देखा है और वे दृढ़ रहे हैं. जम्मू कश्मीर से हमारे श्रमिक अत्यधिक अनुशासित और पेशेवर हैं, और मुझे विश्वास है कि वे दिसंबर 2027 तक सुरंग का काम पूरा कर लेंगे - शायद उससे भी पहले."
बाय-डायरेक्शनल जोजिला सुरंग मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले के बालटाल से लद्दाख के कारगिल जिले के द्रास शहर के मिनीमर्ग तक फैलेगी. इस परियोजना में 18 किलोमीटर की एप्रोच रोड शामिल है, जिसकी कुल लंबाई सोनमर्ग से मिनीमर्ग तक 31 किलोमीटर है. एक बार चालू होने के बाद सुरंग लद्दाख क्षेत्र में महत्वपूर्ण सैन्य पहुंच प्रदान करेगी, खासकर सर्दियों के दौरान जब पारंपरिक मार्ग बर्फ से ढके रहते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में जोजिला सुरंग की आधारशिला रखी थी. मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 6800 करोड़ रुपये की कुल लागत से इसके निर्माण को मंजूरी दी थी. जेड-मोड़ सुरंग व्यापक बुनियादी ढांचे के निर्माण का हिस्सा है, जिसमें 31 सुरंगें शामिल हैं - 20 जम्मू कश्मीर में और 11 लद्दाख में - जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय संपर्क और रणनीतिक तैयारियों को बढ़ाना है. लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित जोजिला सुरंग के दिसंबर 2027 तक पूरा होने का अनुमान है.
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