जबलपुर। एमपीपीएससी 2020 में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर याचिका पर हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू व जस्टिस एमएस भट्टी की युगलपीठ ने सोमवार को पारित आदेश में एमपीपीएससी 2020 की प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में ओबीसी वर्ग को सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही.
सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया था : ग्वालियर निवासी सत्येन्द्र सिंह भदौरिया की तरफ से दायर की गयी में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गयी थीं. याचिकाओं की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कई भर्तियों में ओबीसी वर्ग को सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण देने के अंतरित आदेश पारित किये हैं. हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को वापस लेने के लिए सरकार द्वारा आवेदन भी प्रस्तुत किया गया था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था.
27 प्रतिशत आरक्षण का किया था विरोध : याचिका में कहा गया था कि एमपीपीएससी 2020 में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जिसके कारण कुल आरक्षण का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक हो जायेगा, जो सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इंद्रा साहनी तथा मराठा आरक्षण के संबंध में पारित आदेश के खिलाफ है. उक्त याचिका की सुनवाई 27 अप्रैल को ओबीसी आरक्षण के संबंध में दायर अन्य याचिकाओं के साथ की गयी थी. सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से महाधिवक्ता ने याचिका का विरोध करते हुए युगलपीठ को बताया था कि प्रारंभिक परीक्षा सम्पन्न हो गयी है और मुख्य परीक्षा संचालित हो रही है. ऐसी स्थिति में याचिकाकर्ता किसी प्रकार की राहत को अधिकार नहीं है.
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अगली सुनवाई 22 जून को : याचिकाकर्ता के अधिवक्त आदित्य संघी ने बताया कि युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किये थे. युगलपीठ ने सोमवार को पारित आदेश में एमपीपीएससी 2020 की प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में ओबीसी वर्ग को सिर्फ 14 प्रतिशत आरक्षण देने के आदेश पारित किये हैं. इस आदेश के बाद एमपीपीएससी को प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा की चयन सूची पुनः जारी करनी होगी, जिसका लाभ प्रदेश के सैकड़ों सामान्य वर्ग के छात्रों को मिलेगा. याचिका पर अगली सुनवाई ओबीसी आरक्षण से संबंधित सभी याचिकाओं के साथ 22 जून को निर्धारित की गयी है. (OBC will get 14 percent reservation) (High Court ordered about MPPSC 2020)