जबलपुर। एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस ने इस मुद्दे को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है. याचिका में हाई कोर्ट से मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट में अपील पेश करने प्रमाण प्रदान करें. दरअसल, हाई कोर्ट ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आरटीआई के तहत सिविल जज व एडीजे परीक्षा की उत्तर-पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने की मांग की गई थी. हाई कोर्ट ने यह कहते हुए मांग खारिज कर दी थी कि यदि आरटीआई के तहत उत्तर पुस्तिकाएं दी जाती हैं तो इसके दुरुपयोग होने की आशंका है.कोर्ट ने यह भी कहा था कि इससे निजता का हनन होगा और कई जटिलताएं उत्पन्न होंगी.
ये हैं विधिक प्रश्न :
- क्या संसद या विधान सभा उत्तर-पुस्तिकाएं मांगें तो कोर्ट इनकार कर सकती है ?
- क्या उत्तर पुस्तिकाएँ संबंधित उम्मीदवार की व्यक्तिगत जानकारी है ?
- जब अभ्यर्थी को उत्तर-पुस्तिका दे सकते हैं तो अन्य को क्यों नहीं ?
- उत्तर पुस्तिका हस्तलिखित होती हैं, तो इसमें क्षति कैसे संभव है ?
सारभूत प्रश्नों के जवाब नहीं दिए : सुप्रीम कोर्ट के अनुसार जजों की संपत्ति तक की जानकारी आरटीआई में देने का प्रावधान है ? अधिवक्ता विनायक प्रसाद शाह एवं रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर निर्णय में विधि के कुछ सारभूत प्रश्नों के जवाब नहीं दिए. उन्होंने बताया कि संविधान के अनुछेद 134-A के तहत विधि के सारभूत प्रश्नों के सुप्रीम कोर्ट से निराकरण के लिए हाई कोर्ट द्वारा प्रमाण पत्र जारी करने का प्रावधान है. इसलिए याचिका दायर की गई. (MP High Court asked Registrar General) (Issuing certificate in Supreme Court) (Appeal directly Supreme Court) (Rule for appeal SC)