ETV Bharat / state

फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों को दी गई NOC, हाई कोर्ट ने अनावेदकों से 4 सप्ताह में मांगा जवाब

फायर सेफ्टी रूल्स का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों को एनओसी जारी किए गए थे. जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. जिस पर चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ याचिका की सुनवाई की. अनावेदकों को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

Jabalpur High Court
जबलपुर हाईकोर्ट
author img

By

Published : Apr 7, 2023, 8:59 AM IST

जबलपुर। फायर सेफ्टी रूल्स का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों को एनओसी जारी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा फायर सेफटी इमरजेंसी रुल्स भी लागू नहीं किया गया है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ याचिका की सुनवाई की. उन्होंने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

फायर सेफटी रुल्स: धनवंतरी नगर भूकंप कालोनी निवासी समाजसेवी विनोद अग्निहोत्री की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि शहर व प्रदेश के कई अस्पतालों में अग्निहादसे घटित हुए है. इन हादसों में कई जनहानि हुई है. जबलपुर स्थित न्यू मेडिकेयर हॉस्पिटल में हुए अग्नि हादसे में 8 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी. हादसे का मुख्य कारण अस्पताल प्रबंधन द्वारा फायर सेफटी रुल्स का पालन नहीं करना है.

MP High Court से जुड़ी इन खबरों को जरूर पढ़ें...

आरोप लगाने के कारण: याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि "करमेता स्थित संस्कारधानी अस्पताल व केयर हास्पिटल में फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं हो रहा है, इसके बावजूद भी उन्हें फायर सेफ्टी एनओसी जारी कर दी गई है. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा फायर सेफटी इमरजेंसी रूल्स लागू नहीं किया गया है. याचिका में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, डायरेक्टर नगरीय प्रशासन विभाग, जबलपुर कलेक्टर, निगामायुक्त, फायर आफीसर, संस्कारधानी अस्पताल व केयर अस्पताल एवं निखिल रनपुरिया फायर इंजीनियर को पक्षकार बनाया गया है." याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामनारायण तिवारी ने पक्ष रखा.

जबलपुर। फायर सेफ्टी रूल्स का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों को एनओसी जारी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा फायर सेफटी इमरजेंसी रुल्स भी लागू नहीं किया गया है. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ याचिका की सुनवाई की. उन्होंने अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.

फायर सेफटी रुल्स: धनवंतरी नगर भूकंप कालोनी निवासी समाजसेवी विनोद अग्निहोत्री की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि शहर व प्रदेश के कई अस्पतालों में अग्निहादसे घटित हुए है. इन हादसों में कई जनहानि हुई है. जबलपुर स्थित न्यू मेडिकेयर हॉस्पिटल में हुए अग्नि हादसे में 8 व्यक्तियों की मौत हो गयी थी. हादसे का मुख्य कारण अस्पताल प्रबंधन द्वारा फायर सेफटी रुल्स का पालन नहीं करना है.

MP High Court से जुड़ी इन खबरों को जरूर पढ़ें...

आरोप लगाने के कारण: याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि "करमेता स्थित संस्कारधानी अस्पताल व केयर हास्पिटल में फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं हो रहा है, इसके बावजूद भी उन्हें फायर सेफ्टी एनओसी जारी कर दी गई है. इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा फायर सेफटी इमरजेंसी रूल्स लागू नहीं किया गया है. याचिका में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, डायरेक्टर नगरीय प्रशासन विभाग, जबलपुर कलेक्टर, निगामायुक्त, फायर आफीसर, संस्कारधानी अस्पताल व केयर अस्पताल एवं निखिल रनपुरिया फायर इंजीनियर को पक्षकार बनाया गया है." याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामनारायण तिवारी ने पक्ष रखा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.