जबलपुर। आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर (economic investigation bureau) ने तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिवनी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी का नाम सुमन खातरकर है, जिन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए शासन के खाते से 1.67 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था. ईओडब्ल्यू ने गुरुवार को इस मामले सुमन खातरकर के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
170 कार्यों का हुआ 1 करोड़ 67 लाख का भुगतान
सुमन खातरकर का शासन ने 27-7-2019 को तबादला कर दिया था. इसके बाद आरके कोरी ने जनपद पंचायत सिवनी (Janpad Panchayat Seoni) का पदभार संभाला. सुमन खतारकर का तबादला हो जाने के बाद भी उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 24-25 और 26 अगस्त को शासन के खाते से 170 कार्यों के 1 करोड़ 67 लाख 63 हजार रुपये का भुगतान कर दिया.
बैंक की कार्यप्रणाली भी संदिग्ध
बता दें कि शासन के आदेश से आरके कोरी ने 27 जुलाई को जनपद पंचायत सिवनी में ड्यूटी ज्वाइन की थी. इसके बाद आरके कोरी ने सात अगस्त और 13 अगस्त को सिवनी स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक को अपने कार्यभार की जानकरी दी. फिर तत्कालीन सीईओ ने 3 दिन के भीतर 1 करोड़ 67 लाख रुपये का भुगतान कर दिया. ऐसे में कहीं न कहीं बैंक प्रबंधन की भी इस केस से जुड़ी संलिप्तता पाई जा सकती है.
काम भी आयेगा जांच के दायरे में
तत्कलीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिवनी सुमन खतारकर ने जिन 170 कार्यों का 1 करोड़ 67 लाख रुपये का भुगतान किया है, क्या धरातल पर यह काम हुए हैं या नहीं. इसकी भी जांच की जाएगी. जानकारी के मुताबिक आनन-फानन में जिन 170 कार्यों का भुगतान हुआ है क्या वह काम हुए हैं. अगर हुए हैं, तो उनकी गुणवत्ता कैसी है. इस पर भी जांच होगी.
मामले की जांच में जुटी टीम
आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर की टीम ने तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिवनी सुमन खतारकर और अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988, संशोधित 2018 की धारा 7(सी) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है और मामले की जांच में जुट गई है.
करोड़ों रुपए का मालिक निकला निगम अधिकारी, EOW की टीम ने तीन ठिकानों पर की कार्रवाई
बता दें कि EOW (Economic Offenses Wing) की टीम ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में इंदौर शहर में तीन जगह पर छापामार कार्रवाई की. यह सभी ठिकाने एरोड्रम थाना क्षेत्र स्थित अंबिकापुरी में रहने वाले निगम अधिकारी राजकुमार साल्वी के हैं. प्रारंभिक जांच में करोड़ों रुपए से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है. अधिकारियों के अनुसार जिस मकान में छापामार कार्रवाई हुई है वह मकान ही करोड़ों रुपए का है.