इंदौर। महू विधायक व प्रदेश की पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर पर वन विभाग के डिप्टी रेंजर द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अधिकारियों की एक टीम महू पहुंची है.वन मंत्री कुंवर विजय शाह के निर्देशों के बाद वन विभाग के अधिकारी जांच करने महू पहुंचे. जहां बीजेपी नेताओं ने उन्हें ज्ञापन सौंपा है.
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की टीम आज पूरे मामले की जांच करने के लिए महू के बडगोंदा वन परिक्षेत्र में पहुंची. जांच करने पहुंची टीम को बीजेपी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों द्वारा ज्ञापन सौंपा गया. जांच टीम के अधिकारियों का कहना था कि जो घटना हुई है उसकी जांच करने आए हैं, ना किसी मंत्री और ना किसी की जांच करने आए हैं. उन्होंने कहा कि वे केवल घटना की जांच करने आए हैं.
वहीं जांच टीम के महू पहुचंने की सूचना मिलते ही बीजेपी नेता महू के चोरल रिसोर्ट पहुंचे और जांच अधिकारियों को ज्ञापन सौपा.जांच टीम के अधिकारी का कहना है कि पूरी घटना की जांच की जा रही है. जमीन को लेकर सीमांकन या अन्य तरह की स्थितियों को लेकर कलेक्टर से बात की जा रही है. जांच के दौरान जो रिपोर्ट तैयार की जाएगी. वह शासन को सौंप दी जाएगी. मीडिया से बात करने के लिए हम अधिकृत नहीं है, पूरी जांच कार्रवाई के दौरान अधिकारी मीडिया से बचते नजर आए. अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा जांच कर पूरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जो शासन को सौंपी जाएगी. रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करना शासन का काम है, वह केवल जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे.
क्या है मामला?
महू क्षेत्र के बडगोंडा पुलिस थाने में वन परिक्षेत्र के सहायक राम सुरेश दुबे ने लिखित आवेदन दिया है. जिसमें कहा गया है कि महू वन क्षेत्र मैं बड़गोंदा कक्ष क्रमांक 6 में कुछ लोगों द्वारा वन क्षेत्र की भूमि में खुदाई कर अवैध मोरम निकाली जा रही थी और मार्ग बनाया जा रहा था. वन विभाग ने 10 जनवरी को एक जेसीबी मशीन, ट्रैक्टर और एक ट्राली जो बिना नंबर की थी, उसे जब्त कर मामला दर्ज किया. डिप्टी रेंजर आर.एस. दुबे ने आरोप लगाया है कि मंत्री उषा ठाकुर, मनोज पाटीदार, सुनील यादव निवासी कोदरिया, अनिल जोशी महू, वीरेंद्र अंजाना भंवरा सुनील पाटीदार पलासिया, प्रदीप पाटीदार और सूरज पाटीदार निवासी नाहर खेड़ा अपने साथियों सहित बड़गोदा परिसर में आए और जब्त किए गए वाहनों को उठाकर ले गये. मामला सामने आने के बाद कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है.
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मंत्री उषा ठाकुर ने दी सफाई
पर्यटन और संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर का कहना है कि मैं पर्यटन विभाग के दौरे पर केरल आई हूं. मुझे मीडिया के जरीए मामले की जानकारी मिली. इस वीडियो मैसेज में उन्होने कहा कि पंचायत बसी पिपरी, जो कोडरिया से लगभाग 12-15 किलोमीटर की दूर पर है. वहां 520 मतदाता रोंडा बूथ पर रहते हैं. लगभग 50 मीटर का मार्ग इलाके में खुद पड़ा है, जिससे आने-जाने वालों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. लोगों के कष्ट को देखते हुए बीजेपी कार्यकर्ता मनोज पाटीदार ने अपने खेत की मिट्टी से उस रोड का समतलीकरण कर दिया जिससे रहवासियों को कोई परेशानी ना हो. यही समतलीकरण विवाद का कारण बना.
जांच के बाद होगी कार्रवाई
मंत्री उषा ठाकुर का कहना है इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ता मनोज पाटीदार ने कई बार वन विभाग को जानकारी दी थी. जहां तक मेरा सवाल है तो मैं इस बारे में बताना चाहती हूं कि मंगलवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर मंडल में करोड़ो रुपए के विकास कार्य का लोकार्पण हुआ. कार्यक्रम में शामिल होकर उसी मार्ग से लौटने के दौरान का एक वीडियो बनाया गया. जिसे बाद में कांग्रेस नेता अंतर सिंह दरबार ने जारी कर मामले में मेरा नाम जोड़ा. ये ओछी राजनीति का तरीका है. वीडियो जारी करने के पीछे की मंशा को जनता अच्छे से समझ रही है. सारा घटनाक्रम वन मंत्री कुंवर विजय शाह के संज्ञान में डाल दिया गया है. उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं, जो भी दोषी होगा उसे सजा मिलेगी.