भोपाल। हमीदिया अस्पताल में बिलजी गुल होने की घटना से भी स्वास्थ्य विभाग सबक लेने को तैयार नहीं. अब राजधानी भोपाल का मॉडल अस्पताल कहे जाने वाले जिला अस्पताल जेपी में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. हालांकि इस लापरवाही के चलते किसी को कोई नुकसान तो नहीं हुआ पर यदि यह बात बढ़ जाती तो कई मरीजों की जान पर बन सकती थी. जिला अस्पताल के बी-ब्लॉक में मंगलवार बिजली गुल हो गई थी. अस्पताल के बी-ब्लॉक में ऑपरेशन थियेटर,मेटरनिटी वार्ड और प्रबंधकीय ऑफिस बने हुए हैं.
पुरानी लाइन फॉल्ट होने से गयी बिजली
पीडब्ल्यूडी के सब इंजीनियर पंकज तिवारी ने इस बारे में बताया कि बिजली पुरानी लाइन फाल्ट होने के कारण गई थी. हमें जब सूचना मिली तो हमने उसकी वैकल्पिक व्यवस्था कर दी थी और अब आगे ऐसी स्थिति न बने इसके लिए दूसरी लाइन की सप्लाई व्यवस्था हम कर रहें है. सुबह करीब 2 घंटे बिजली नहीं रही. इस बारे में सब इंजीनियर का कहना है कि हमें नहीं पता कि अस्पताल ने हमें जानकारी देरी से क्यों दी पर जैसे ही हमें जानकारी मिली हमने व्यवस्था कर दी थी.
अस्पताल प्रबंधन नहीं कर रहा बात
हालांकि जब इस बारे में अस्पताल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई तो वहां से इस बारे में किसी ने जानकारी नहीं दी कि क्यों देरी से सूचना पीडब्ल्यूडी को दी गयी. बता दें कि जिस ब्लॉक में बिजली गयी थी वहां पुरानी लाइन अंडर ग्राउंड डली हुई है. जब अस्पताल का नया भवन बनाया गया तब भी इसे बदला नहीं गया और इसी पुरानी लाइन से अब भी सप्लाई जारी है. लाइन अंडर ग्राउंड होने के कारण पता नहीं चल पाया कि फॉल्ट कहां है और अब भवन के ऊपर से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
हमीदिया अस्पताल में बत्ती गुल से हुई थी मरीजों की मौत
बता दें कि राजधानी भोपाल के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल हमीदिया अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में बिजली गुल होने कई मरीजों की मौत हो गई थी. मामले में एक सब इंजीनियर को दोषी मानकर उसे निलंबित किया गया था.