इंदौर। मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापार महासंघ समिति ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के विरोध में मंगलवार और बुधवार को राज्य के 270 कृषि उपज मंडियों में अपना कारोबार बंद करने की घोषणा की है. प्रतिबंध हटाने की मांग करने वाले इस संगठन ने कहा कि इन ट्रकों के माध्यम से राज्य से गेहूं की बड़ी खेप निर्यात के लिए बंदरगाहों के लिए ले जाई गई. केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर अचानक प्रतिबंध लगाने के कारण राज्य के व्यापारियों द्वारा भेजे गए अनाज से लदे लगभग 5,000 ट्रक बंदरगाहों पर खड़े हैं. एनडीएलए (गुजरात) और मुंबई बंदरगाहों पर ये ट्रक खड़े हैं.
व्यापारियों के निर्यात सौदे संकट में : महासंघ के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने समाचार एजेंसियों को को बताया कि राज्य सरकार ने व्यापारियों को गेहूं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया था. इसके बाद उन्होंने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक पर कमोडिटी खरीदी थी, लेकिन केंद्र के प्रतिबंध के कारण व्यापारियों के निर्यात सौदे अब संकट में हैं. गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के विरोध में राज्य के सभी 270 कृषि उपज मंडियों (मंडियों) में व्यापारी मंगलवार और बुधवार को अपना काम बंद कर देंगे.
पिछले हफ्ते केंद्र ने लगाया था प्रतिबंध : अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने मांग की है कि केंद्र सरकार व्यापारियों और किसानों के हित में तुरंत निर्यात प्रतिबंध हटाये. गौरतलब है कि पिछले हफ्ते वाणिज्य मंत्रालय ने भीषण गर्मी के कारण उत्पादन पर असर की चिंताओं के बीच गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. केंद्र ने कहा है कि पड़ोसी और कमजोर देशों की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करने के अलावा निर्णय से खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. (5 thousand trucks of wheat stranded) (Wheat of MP stranded at 2 ports of country)
(strike in markets from tomorrow) (Demand of remove ban on export)