ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के निजी सचिव रहे रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ एडीजे कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को कन्फर्म कर दिया गया है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने क्रिमिनल अपील पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया है. करीब 5 साल पहले एडीजे कोर्ट ने निजी सचिव रहे रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा को एक साल की सजा के साथ ही करीब डेढ़ करोड़ रुपए भुगतान करने के निर्देश दिए थे. इस फैसले के खिलाफ उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील की थी.
ईएनटी डॉक्टर के साथ फर्जीवाड़ा : दरअसल, शहर के जाने-माने नाक-कान व गला रोग विशेषज्ञ डॉ. एएस भल्ला के साथ पार्टनरशिप में एक डायग्नोस्टिक सेंटर खोलने के लिए रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा ने अनुबंध किया था, लेकिन मशीन पुरानी दे दी गई. जब विवाद बढ़ा तो रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा की ओर से डॉ.भल्ला को चेक दिए गए लेकिन ये चेक बैंक में लगाने के बाद बाउंस हो गए. इसके खिलाफ डॉ.भल्ला ने रमेश शर्मा और भूपेंद्र शर्मा के खिलाफ परिवाद दायर किया था. इस पर निचली अदालत ने अक्टूबर 2018 में दोनों आरोपियों को दोषी पाया.
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हाईकोर्ट जाना होगा : निचली अदालत से दोषी पाए जाने पर उन्हें एक साल की सजा सुनाई थी और डॉ. भल्ला को करीब डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि देने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की गई थी. जिस पर निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को सही ठहराया गया है. इसके साथ ही 1.65 करोड़ रुपए भी दो किस्तों में देने के आदेश शर्मा बंधुओं को दिए गए हैं. अब सिंधिया के पूर्व निजी सचिव रमेश शर्मा और भूपेन्द्र शर्मा को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना होगा. सजा पर स्थगन के बाद ही उन्हें राहत मिल सकेगी अन्यथा उन्हें जेल जाना पड़ सकता है.