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मरीजों की जान पर भारी पड़ सकती थी ये लापरवाही, 11 स्वास्थ्य कर्मचारियों को नोटिस

छिंदवाड़ा के कई स्वास्थ केन्द्रों और आशा कार्यकर्ताओं के पास से एक्सपायर्ड दवाएं मिली हैं. स्वास्थ विभाग के निरीक्षण में इसका खुलासा हुआ है.

स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही मरीजों पर पड़ सकती थी भारी
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Published : May 20, 2019, 10:51 AM IST

छिंदवाड़ा। जिले में स्वास्थ्य अमला कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांढुर्णा के स्वास्थ्य केन्द्रों और आशा कार्यकर्ताओं के पास एक्सपायर्ड दवाएं मिली हैं, जो कि मरीजों और छोटे बच्चों को देने के लिए रखी गई थीं.

expired medicines seized from chhindwara govt hospitals
नोटिस मिलने वाले कर्मचारियों की सूची

मामले का खुलासा स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण के दौरान हुआ, जिसके लिए विभाग ने जिम्मेदारों से स्पष्टीकरण भी मांगा है. 11 स्वास्थ्यकर्मियों को बीएमओ डॉ अशोक भगत ने नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है. इन कर्मचारियों ने न तो अधिकारियों को एक्सपायर्ड दवा के स्टॉक की जानकारी दी थी और न ही दवाओं को अस्पताल में जमा किया था.

स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही मरीजों पर पड़ सकती थी भारी

जान पर भारी पड़ सकती थी एक्सपायरी दवाएं

अगर ये दवाएं ग्रामीण इलाकों में बंट जाती तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी. मामले में CMHO ने कहा कि ये एक रूटीन चेकिंग था. ताकि एक्सपायर की गई दवाओं को रिप्लेस किया जा सके. उन्होंने कहा कि उन्हें कारण बताओ नोटिस दिए जाने की कोई जानकारी नहीं है.

छिंदवाड़ा। जिले में स्वास्थ्य अमला कितना गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पांढुर्णा के स्वास्थ्य केन्द्रों और आशा कार्यकर्ताओं के पास एक्सपायर्ड दवाएं मिली हैं, जो कि मरीजों और छोटे बच्चों को देने के लिए रखी गई थीं.

expired medicines seized from chhindwara govt hospitals
नोटिस मिलने वाले कर्मचारियों की सूची

मामले का खुलासा स्वास्थ्य विभाग के निरीक्षण के दौरान हुआ, जिसके लिए विभाग ने जिम्मेदारों से स्पष्टीकरण भी मांगा है. 11 स्वास्थ्यकर्मियों को बीएमओ डॉ अशोक भगत ने नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है. इन कर्मचारियों ने न तो अधिकारियों को एक्सपायर्ड दवा के स्टॉक की जानकारी दी थी और न ही दवाओं को अस्पताल में जमा किया था.

स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही मरीजों पर पड़ सकती थी भारी

जान पर भारी पड़ सकती थी एक्सपायरी दवाएं

अगर ये दवाएं ग्रामीण इलाकों में बंट जाती तो कई लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी. मामले में CMHO ने कहा कि ये एक रूटीन चेकिंग था. ताकि एक्सपायर की गई दवाओं को रिप्लेस किया जा सके. उन्होंने कहा कि उन्हें कारण बताओ नोटिस दिए जाने की कोई जानकारी नहीं है.

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