भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे है वैसे-वैसे घोषित प्रत्याशियों के खिलाफ विरोध के स्वर बढ़ते जा रहे है. भोपाल में बीजेपी कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर को टिकट देने का विरोध शुरू हो गया है. विरोध करने पहुंचे लोगों का कहना है कि कृष्णा गौर को टिकट नहीं देना चाहिए. इनको टिकट दिया गया तो बीजेपी परिवारवाद को बढ़ावा देगी. स्थानीय लोगों ने कार्यालय में नारेबाजी करते हुए विरोध जताया. बता दें कि विरोध के सुर पूरे प्रदेश में बढ़ रहे हैं. इनकी बानगी पिछली दो सूची में घोषित उम्मीदवारों को लेकर सामने आ चुकी है.
पहली सूची के बाद विरोध : पहली सूची के बाद भी विरोध के सुर उठे थे. सोनकच्छ विधानसभा सीट से राजेश सोनकर को टिकट देने पर पूर्व विधायक राजेन्द्र वर्मा के समर्थकों द्वारा पार्टी के कार्यालय पर नारेबाजी की गई थी. सोनकर इंदौर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष हैं, वहीं राजेन्द्र वर्मा पिछली बार सोनकच्छ से पार्टी के प्रत्याशी थे. लेकिन कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा से पराजित हो गए थे. गुना जिले की चाचौड़ा सीट से ममता मीणा का टिकट काटकर प्रियंका मीणा को देने पर बवाल हुआ. ममता मीणा द्वारा विरोध करते हुए पैराशूट उम्मीदवार बताया गया. ममता मीणा ने भाजपा से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
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बीजेपी में यहां भी बगावत : इसी प्रकार महेश्वर सीट से उम्मीदवार घोषित किए गए पूर्व विधायक राजकुमार मेव का भी क्षेत्र में काफी विरोध किया गया. वह वर्ष 2013 में यहां से पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. 25 सितंबर को दूसरी सूची जारी करने के बाद जिन लोगों को टिकट दिया गया, उसमें भी कई के खिलाफ विरोध के स्वर उठ रहे हैं. मंगलवार को बैतूल जिले की मुलताई सीट से पार्टी के प्रत्याशी चंद्रशेखर देशमुख के खिलाफ क्षेत्रीय लोगों ने प्रदेश कार्यालय आकर जमकर नारेबाजी की थी. रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा सीट से पार्टी ने नरेन्द्र शिवाजी पटेल को प्रत्याशी बनाया है. उनके खिलाफ भी क्षेत्र के पार्टी नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है.