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आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत 8 छोटे जिलों में विकसित होगा इंडस्ट्रियल एरिया

मध्य प्रदेश के आठ छोटे जिलों में MSME विभाग इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने जा रहा है. ये शुरूआत आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत की जा रही है.

govindpura enterprises
गोविंदपुरा इंटरप्राइसेस
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Published : Jan 31, 2021, 3:11 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाई के विकास के लिए छोटे शहरों को तवज्जो दे रही है. यही वजह है कि MSME विभाग (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) ने छोटे जिलों में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने का फैसला लिया है. इसके लिए प्रदेश के आठ जिलों में उद्योग स्थापित किए जाएंगे. विभाग ने जमीन भी आरक्षित करने की तैयारियां शुरू कर दी है.

छोटे जिलों में विकसित होगा इंडस्ट्रियल एरिया

8 जिलों में विकसित होंगे औद्योगिक क्षेत्र

MSME विभाग प्रदेश के छोटे जिलों में औद्योगिक विकास की गति बढ़ाना चाहता है. इसके लिए 8 जिलों को चिन्हित कर यहां औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने की गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं. 8 नए औद्योगिक क्षेत्र अनूपपुर, शहडोल, अलीराजपुर, उमरिया, अशोकनगर, उज्जैन, खरगोन और ग्वालियर में स्थापित किए जाएंगे.

  • शिवपुरी जिले के करैरा तहसील में 5 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है.
  • अनूपपुर जिले की तहसील कदमटोला में 22.796 हेक्टेयर भूमि.
  • अलीराजपुर जिले के चंद्रशेखर आजाद नगर तहसील के सेजावाडा में 21.83 हेक्टेयर.
  • उमरिया जिले के चंदिया तहसील के बढ़वार में 4.85 हेक्टेयर.
  • अशोकनगर जिला मुख्यालय के पटकाटोरी में 36.40 हेक्टेयर.
  • उज्जैन जिले की आगर रोड उद्योगपुरी में 0.303 हेक्टेयर.
  • खरगोन जिले के कसरावद तहसील के निमरानी में 121.86 हेक्टेयर.
  • ग्वालियर के चिरवई में 3.646 हेक्टेयर भूमि पर MSME इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा.

तहसील स्तर पर उद्योग पर सरकार से छूट की मांग

कोरोना काल के बाद मध्य प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के मंत्र को जमीन पर उतारने की कोशिशों में जुटी हुई है. इसके लिए 'एक जिला, एक उत्पाद' के साथ ही मध्य प्रदेश के मैन पावर का प्रदेश में ही ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए, इस पर ध्यान दिया जा रहा है. सरकार स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूह को मजबूत कर रही है. साथ ही छोटे स्थानों पर उद्योग स्थापित हों, इसके लिए कोशिश करने में जुटी है. कई बड़ी इंडस्ट्री भी बड़े शहरों की अपेक्षा छोटे शहरों की ओर अपनी रुचि दिखा रही है. यही वजह है कि जबलपुर आईटी पार्क को प्रदेश के बाकी आईटी पार्क की तुलना में कहीं ज्यादा अच्छा रिस्पांस मिला है.

पढ़ें- इंदौर में बनेगा टॉय क्लस्टर, चीनी खिलौनों से देश को मिलेगी आजादी

वहीं विशेषज्ञ भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि तहसील स्तर पर उद्योग स्थापित कराने के लिए सरकार को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए. इसके लिए तहसील स्तर पर उद्योग स्थापित करने पर विशेष छूट दी जानी चाहिए. विशेषज्ञ आदित्य मनिया जैन के मुताबिक अगर सरकार तहसील स्तर पर उद्योग स्थापित करने पर उद्योगों को विशेष छूट देती है, तो निश्चित रूप से इसके बहुत बेहतर परिणाम सामने आएंगे. छोटे जिले जब मजबूत होंगे तो इन जिलों में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाई के विकास के लिए छोटे शहरों को तवज्जो दे रही है. यही वजह है कि MSME विभाग (Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises) ने छोटे जिलों में इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने का फैसला लिया है. इसके लिए प्रदेश के आठ जिलों में उद्योग स्थापित किए जाएंगे. विभाग ने जमीन भी आरक्षित करने की तैयारियां शुरू कर दी है.

छोटे जिलों में विकसित होगा इंडस्ट्रियल एरिया

8 जिलों में विकसित होंगे औद्योगिक क्षेत्र

MSME विभाग प्रदेश के छोटे जिलों में औद्योगिक विकास की गति बढ़ाना चाहता है. इसके लिए 8 जिलों को चिन्हित कर यहां औद्योगिक इकाइयों को स्थापित करने की गतिविधियां शुरू कर दी गई हैं. 8 नए औद्योगिक क्षेत्र अनूपपुर, शहडोल, अलीराजपुर, उमरिया, अशोकनगर, उज्जैन, खरगोन और ग्वालियर में स्थापित किए जाएंगे.

  • शिवपुरी जिले के करैरा तहसील में 5 हेक्टेयर जमीन आरक्षित की गई है.
  • अनूपपुर जिले की तहसील कदमटोला में 22.796 हेक्टेयर भूमि.
  • अलीराजपुर जिले के चंद्रशेखर आजाद नगर तहसील के सेजावाडा में 21.83 हेक्टेयर.
  • उमरिया जिले के चंदिया तहसील के बढ़वार में 4.85 हेक्टेयर.
  • अशोकनगर जिला मुख्यालय के पटकाटोरी में 36.40 हेक्टेयर.
  • उज्जैन जिले की आगर रोड उद्योगपुरी में 0.303 हेक्टेयर.
  • खरगोन जिले के कसरावद तहसील के निमरानी में 121.86 हेक्टेयर.
  • ग्वालियर के चिरवई में 3.646 हेक्टेयर भूमि पर MSME इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किया जाएगा.

तहसील स्तर पर उद्योग पर सरकार से छूट की मांग

कोरोना काल के बाद मध्य प्रदेश सरकार आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के मंत्र को जमीन पर उतारने की कोशिशों में जुटी हुई है. इसके लिए 'एक जिला, एक उत्पाद' के साथ ही मध्य प्रदेश के मैन पावर का प्रदेश में ही ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाए, इस पर ध्यान दिया जा रहा है. सरकार स्थानीय स्तर पर स्व-सहायता समूह को मजबूत कर रही है. साथ ही छोटे स्थानों पर उद्योग स्थापित हों, इसके लिए कोशिश करने में जुटी है. कई बड़ी इंडस्ट्री भी बड़े शहरों की अपेक्षा छोटे शहरों की ओर अपनी रुचि दिखा रही है. यही वजह है कि जबलपुर आईटी पार्क को प्रदेश के बाकी आईटी पार्क की तुलना में कहीं ज्यादा अच्छा रिस्पांस मिला है.

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वहीं विशेषज्ञ भी सरकार से मांग कर रहे हैं कि तहसील स्तर पर उद्योग स्थापित कराने के लिए सरकार को अपनी नीति में बदलाव करना चाहिए. इसके लिए तहसील स्तर पर उद्योग स्थापित करने पर विशेष छूट दी जानी चाहिए. विशेषज्ञ आदित्य मनिया जैन के मुताबिक अगर सरकार तहसील स्तर पर उद्योग स्थापित करने पर उद्योगों को विशेष छूट देती है, तो निश्चित रूप से इसके बहुत बेहतर परिणाम सामने आएंगे. छोटे जिले जब मजबूत होंगे तो इन जिलों में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेगी.

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