भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार यूनियन कार्बाइड कारखाने की जमीन पर स्मारक बनाने जा रही है. जिसका गैस पीड़ित संगठन पुरजोर विरोध कर रहा है. संगठन का आरोप है कि सरकार कॉन्क्रीट का समारक बनाकर हजारों टन जहरीला कचरा जमीन में दफनाना चाहती है. यह गंभीर आरोप 4 प्रमुख गैस पीड़ित संगठनों की तरफ से लगाए गए हैं. डाउ कैमिकल कंपनी की गलती को दबाने के भी आरोप सरकार पर लगाए जा रहे हैं.
राज्य सरकार पर गंभीर आरोप
गैस पीड़ित संगठनों ने आरोप लगाया है कि 1990 के बाद से 17 रिपोर्ट सरकार की शीर्ष अनुसंधान एजेंसी द्वारा जारी की गई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, कारखाना स्थल से 3 किलोमीटर दूरी तक भारी मात्रा में जहरीले रसायन मौजूद हैं. भोपाल से यह हजारों टन कचरा हटाने की बजाए, राज्य सरकार स्मारक की आड़ में प्रदूषण पर कॉन्क्रीट डालने की योजना बना रही है.
'सरकार बर्बाद कर रही 100 करोड़'
गैस पीड़ित संगठन कार्यकर्ता रचना ढींगरा ने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश सरकार गैस राहत पीड़ितों की सुविधाओं को रोककर 100 करोड़ रुपए की लागत से स्मारक बना रही है. जिसमें रोजगार देने की भी बात की जा रही है. लेकिन अभी पुरानी योजनाओं का ही पैसा रोक दिया गया है, जिसमें महिलाओं को मिलने वाली पेंशन समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं. गैस पीड़ित संगठन का कहना है कि सरकार 100 करोड़ रुपए खर्च कर अपने फंड को ही बर्बाद कर रही है.
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'डाउ कंपनी की गलती दबाने की कोशिश'
337 मीट्रिक टन कचरे को नष्ट किया जा रहा है. बाकी हजारों मेट्रिक टन कचरा यूनियन कार्बाइड कारखाने के अंदर पड़ा हुआ है. गैस पीड़ित संगठनों का कहना है कि सरकार अंदर पड़ा कचरा नष्ट करने के लिए तैयार नहीं है. संगठन का यह भी आरोप है कि डाउ केमिकल कंपनी की गलती को दबाने के लिए यह योजना बनाई गई है, और 100 करोड़ रुपए बर्बाद कर स्मारक बनाया जा रहा है.