भोपाल। कोरोना संक्रमण की इन विषम परिस्थितियों के दौरान भी स्वास्थ्य विभाग का रवैया अभी भी ठीक नहीं हो पाया है, जेपी अस्पताल में 24 सितंबर को कोरोना संक्रमण से 43 वर्षीय महिला की मौत हो गई थी, इस दौरान परिजनों ने जेपी अस्पताल पर अव्यवस्था का आरोप लगाया था. जिसे लेकर जांच का आश्वासन दिया गया, लेकिन 24 सितंबर से 12 अक्टूबर तक जांच शुरू ही नहीं हो पाई है. जिसकी वजह से अब महिला के परिजनों का सरकार के रवैए को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है और उन्होंने अब सीएम शिवराज सिंह चौहान से परिवार सहित इच्छा मृत्यु देने की गुहार लगाई है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल जेपी अस्पताल में 24 सितंबर को कोलार क्षेत्र की रहने वाली महिला की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी, उस दौरान परिजनों ने जेपी अस्पताल की व्यवस्थाओं पर कई तरह के सवाल खड़े कर दिए थे. यहां तक कि उन्होंने इस बात का दावा भी किया था कि उनकी मां की मौत के बाद उनकी बॉडी को पीपीई किट में पैक करने का जिम्मा भी परिजनों को ही करना पड़ा था. इस दौरान अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों ने अपने हाथ खड़े कर दिए थे और उनसे कहा गया था कि आप पीपीई किट पहने और अपनी मां की बॉडी को भी पीपीई किट पहनाने के बाद उन्हें यहां से ले जाइए.
मृतिका की बेटी ने जारी किया था वीडियो
इस मामले में मृत महिला की बेटी ने वीडियो जारी कर जेपी अस्पताल प्रबंधन और अन्य कर्मचारियों पर सीधा आरोप लगाया था. हालांकि इस मामले का संज्ञान लेने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने अगले दिन औचक निरीक्षण भी किया था, उस दौरान भी कुछ व्यवस्थाएं मिली थी, जिसके बाद मंत्री की नाराजगी जेपी अस्पताल के अधीक्षक पर भारी पड़ गई थी और उन्हें अगले 24 घंटे के दौरान ही अधीक्षक के पद से हटा दिया गया था.
मंत्री विश्वास सारंग ने कही थी जांच की बात
वहीं मंत्री के द्वारा जांच कराने की बात भी कही गई थी. लेकिन अब तक जांच आगे ही नहीं बढ़ पाई है. जिसकी वजह से अब कोरोना संक्रमण से मृत हो चुकी महिला के बच्चों में सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि महिला की 27 वर्षीय बेटी ने अब सीएम से भाई बहन के साथ इच्छा मृत्यु की मांग की है. उन्होंने एक वीडियो जारी कर कहा है कि जेपी अस्पताल में उनकी मां की मौत स्टाफ की लापरवाही की वजह से हुई थी. जांच कराकर अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज करानी चाहिए.
मां की पेंशन भी हुई बंद
बेटी ने कहा कि पिता की मौत के बाद मां को पेंशन मिल रही थी जो अब बंद हो गई है. हम चार भाई बहन लाचार हैं. ऐसे में पालन-पोषण की व्यवस्था करें या हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति दें. वहीं पहले तो कोरोना संक्रमण के नाम पर निजी अस्पतालों ने हमें जमकर लूटा है. मां के इलाज के दौरान निजी अस्पतालों के द्वारा हमसे 50-50 हजार रुपए वसूले गए हैं. बाद में कलेक्टर से गुहार लगाने के बाद हमें बेहतर उपचार के लिए जेपी अस्पताल में व्यवस्था की गई थी. लेकिन वहां लापरवाही की वजह से उनकी मां की मौत हो गई. इस मामले में जब शिकायत की गई तो कहा गया कि इस मामले की जांच की जाएगी.