भिंड। मुख्यमंत्री ने आम जन की सहूलियत और सरकार प्रशासन और जानता के बीच ट्रांसपेरेंसी कायम रखने और जनसामान्य को होने वाली समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए सीएम हेल्पपाइन 181 की व्यवस्था शुरू की थी, लेकिन भिंड जिले में आज भी कई विभाग इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. इसी वजह से सीएम हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों के निराकरण में लापरवाही बरतने वाले विभागों के कुछ अधिकारियों का वेतन काटे जाने के आदेश सोमवार शाम जारी कर दिए गए है.
सीएम हेल्पलाइन में नहीं रुचि दिखा रहे अधिकारी: जानकारी के मुताबिक सोमवार को हुई टीएल बैठक में कलेक्टर द्वारा ज़िले में लंबित सीएम हेल्पलाइन शिकायत प्रकरणों की समीक्षा की, जिसमें शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अनुविभागीय अधिकारियों द्वारा इन लंबित शिकायतों का निराकरण नहीं कराये जाने को लेकर कलेक्टर ने नाराज़गी जाहिर की. साथ ही इन शिकायतों की प्रगति बहुत कम रहने से पिछली मीटिंग में मांगी गई जानकारी, स्पष्ट कार्रवाई की जानकारी और पूर्व में मिले नोटिसों के संतोष जनक जवाब ना मिलने को लेकर अटेर, गोहद, भिंड, मेहगाँव और लहार के खंड शिक्षा अधिकारी और ब्लॉक मेडिकल ऑफ़िसर्स को अप्रैल माह के बनने वाले वेतन में से 7 दिन की वेतन कटौती किए जाने का नोटिस जारी कर दिया है.
10 अधिकारियोंका काटा वेतन: भिंड कलेक्टर के हस्ताक्षर के साथ जारी हुए इस आदेश में जिले के पाँचों अनुविभाग के शिक्षा विभाग प्रमुख अटेर बीईओ कृष्णगोपाल शर्मा, भिंड बीईओ सुदामा सिंह भदौरिया, गोहद बीईओ नरेंद्र सिंह तोमर, लहार बीआरसीसी अतहर सिद्दीकी, भिंड बीआरसीसी शर्मा को नोटिस जारी हुआ है इनके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के लहार बीएमओ डॉ धर्मेंद्र श्रीवास्तव, गोहद बीएमओ वासुदेव शिकारिया, मेहगाँव बीएमओ मनीष शर्मा, फूप बीएमओ सिद्धार्थ चौहान के साथ मेहगाँव नगर परिषद के सफाई दरोगा राघवेंद्र शर्मा पर वेतन काटने की कार्रवाई की गई है.
50 दिन से पुरानी शिकायतें बन रही मुसीबत: बता दें कि जिले में लंबित शिकायतों का स्टेटस अगर 50 दिन से पुराना पाया जाता है तो यह प्रदेश में ज़िले की रैंकिंग और ग्रेडिंग में गिरावट हो जाती है और भिंड में यह स्थिति ना हो इसके लिए ऐसे प्रकरण जो 50 दिन ज़्यादा लंबित पड़े हैं उन्हें निराकरण कराने कई सख़्त हिदायत दी गई है. उन्होंने बैठक में ऊर्जा विभाग, खाद्य विभाग, पीएचई, पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, वित्त विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों की समीक्षा कर कहा कि उनके यहां जितने भी सीएम हेल्पलाईन के प्रकरण हैं उनको तत्परता से निराकरण करना सुनिश्चित करने की बात कही है.