जबलपुर। मध्यप्रदेश में बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने के लिए सरकार ने योजना बनाई. इस योजना को किस तरीके से पलीता लगाया गया इसका खुलासा हुआ है कैग रिपोर्ट में. कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2015-16 में केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश की विद्युत वितरण कंपनियों को कर्ज से उबारने के लिए उदय योजना की शुरुआत की. लेकिन इस योजना का लाभ बिजली विभाग को कतई नहीं मिल रहा है. (Jabalpur cag report exposed)
जाने क्या थी योजनाः उज्जवल डिस्कॉम एस्योरेंस योजना के तहत मध्य प्रदेश की सरकार को विद्युत वितरण कंपनियों के कुल कर्जे की करीब 75% भरपाई करनी थी और उसके बदले विद्युत वितरण कंपनियों को अपने हालातों को सुधारना था. योजना के तहत विद्युत वितरण कंपनियों को तीन मुख्य बिंदुओं पर काम करना था. (Jabalpur cag report exposed power department pole)
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जाने क्या हैं योजना के बिंदुः 1-विद्युत वितरण कंपनियों को कहा गया कि उन्हें अपना घाटा कम करना है. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक विद्युत वितरण कंपनियों ने पिछले 5 सालों में अपने घाटे को कम करने की बजाय उसे 17 हजार करोड़ रुपए और बढ़ा दिया. यानी 2015-16 में जो 35 हजार करोड़ का घाटा था वह बढ़कर 52 हजार करोड़ रुपए पहुंच गया.
2-इसके साथ ही विद्युत वितरण कंपनियों को कहा गया कि उन्हें अपनी विद्युत हानि को घटाकर 15% तक लाना होगा. लेकिन वितरण कंपनियों ने विद्युत हानि को घटाने की बजाय 10% और बढ़ा दिया. यानी कि 2015-16 में जो 23% विद्युत हानि हो रही थी. वह पिछले 5 सालों में बढ़कर 33% पहुंच गई.
3-इसके साथ ही विद्युत कंपनियों को कहा गया कि खरीदी बिक्री की लागत के अंतर को 0 करना होगा. यहां भी विद्युत वितरण कंपनियां फिसड्डी साबित हुई. और महज 9 पैसे का अंतर ही आ पाया. यानी साल 2015 में खरीदी बिक्री की लागत का अंतर 92 पैसे था जो घटकर 83 पैसे ही हो पाया. (Jabalpur consumers may get electric shock)
क्या कहती है कैग रिपोर्टः कैग ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर कहा है कि विद्युत वितरण कंपनियों का काम पिछले 5 सालों में बेहद घटिया रहा. जिस उद्देश्य को रखकर उदय योजना की शुरुआत की गई थी. उस योजना को ही विद्युत वितरण कंपनियों ने पलीता लगा दिया. विद्युत वितरण कंपनियों ने अपनी वित्तीय स्थिति को केवल कागजों तक ही सीमित रखा. जमीनी स्तर पर आज भी विद्युत वितरण कंपनियों को लगातार घाटा हो रहा है. कुल मिलाकर कहा जाए के ढाक के तीन पात कहावत यहां विद्युत वितरण कंपनियों पर लागू होती है. अब सवाल यह है कि आने वाले दिनों में अगर विद्युत वितरण कंपनियों का यही हाल रहा तो एक बार फिर प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली का झटका लगना तय है. (Jabalpur cag report power consumers may get shock)