सोलन: हिमाचल प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते समाज के हर वर्ग नुकसान झेलना पड़ रहा है. ऐसे में किसान और बागवान अपने उत्पाद बाजारों तक पहुंचाने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन इन दिनों किसानों और बागवानों को घर लौट चुके मजदूरों, आढ़तियों और लदानियों की हिमाचल में कमी खल रही है.
इन सभी बातों को लेकर ही प्रदेश सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान राजीव सैजल ने कहा कि आपदा की घड़ी में सभी लोगों पर इसका असर पड़ा है. आने वाले दिनों में हिमाचल में सेब के साथ-साथ टमाटर और शिमला मिर्च का सीजन शुरू होने वाला है. हिमाचल प्रदेश में कई लोग सीजनल सब्जियों और फलों के आधार पर ही अपना जीवनयापन करते हैं.
ऐसे में किसानों के साथ बागवानों को मजदूरों और बाहर से आने वाले आढ़तियों, लदानियों कि कमी खल रही है. इस समस्या के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. किसानों को आने वाली सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
नेपाली मजदूरों को प्रदेश में लाने के लिए सरकार कर रही प्रयास
मंत्री सैजल ने कहा कि प्रदेश में किसान, बागवानों की फसलों को मंडियों तक पहुंचाने में नेपाली मजदूरों का अहम रोल रहता है. ऐसे में लॉकडाउन के कारण नेपाली मजदूरों का हिमाचल में आना संभव नहीं है.
किसान व बागवान भी सेब सीजन के लिए नेपाली मजदूरों को लाने की मांग कर रहे हैं. सरकार मजदूरों की कमी को पूरा करेगी. प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के माध्यम से नेपाल सरकार से बातचीत कर मजदूरों को लाने की योजना बना रही है.
आढ़ती,लदानियों के लिए भी हो रही बातचीत,नियमो के आधार पर होगा प्रदेश में प्रवेश
मंत्री सैजल ने कहा कि मजदूरों के साथ-साथ आढ़तियों और लदानियों को भी लाने का प्रयास सरकार कर रही है. प्रदेश सरकार आढ़ती लदानी से बातचीत कर संपर्क साध रहे है. नियमों के आधार पर आढ़ती और लदानियों को प्रदेश में प्रवेश मिलेगा.
सेब टमाटर के किसान-बागवानों को मिलेगा उनकी फसल का पर्याप्त दाम
मंत्री सैजल ने कहा कि किसान बागवानों की समस्या का हल हो इसके लिए प्रदेश सरकार वचनबद्ध है. सेब और टमाटर प्रदेश के बाहर और विदेशों में तक पहुंचाया जाएगा. ग्रेडिंग के हिसाब से किसानों को उनकी फसल का उचित दाम दिया जाएगा.
बता दें कि जिला सोलन में टमाटर की खेती को लाल सोना के नाम से भी जाना जाता है और कई किसान परिवार सेब और टामाटर की फसलों पर ही आश्रित रहते हैं.
लॉकडाउन में किसान बागवानों को हुए घाटे पर विचार कर रही सरकार
सैजल ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के किसान, बागवानों समेत फूल उत्पादकों के नुकसान की भरपाई के लिए भी सरकार योजना बना रही है. जिससे उन्हें फसल के उचित दाम मिल सकें.
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