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प्रख्यात मलयालम लेखक और फिल्म निर्देशक एमटी वासुदेवन का निधन - MT VASUDEVAN NAIR PASSES AWAY

प्रख्यात मलयालम लेखक, फिल्म निर्देशक एमटी वासुदेवन का निधन हो गया है. वे 91 साल के थे.

MT Vasudevan Nair Passes Away
एमटी वासुदेवन (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 25, 2024, 10:52 PM IST

कोझिकोड: प्रख्यात मलयालम लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम टी वासुदेवन नायर का निधन हो गया है. वे 91 साल के थे और पिछले कई दिनों से बीमार थे. उन्होंने कोझिकोड के एक प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली.

सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद वासुदेवन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उनका निधन मलयालम सिनेमा और साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है.

एमटी के नाम से मशहूर, वे एक प्रशंसित भारतीय लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक थे. वे आधुनिक मलयालम साहित्य में एक विपुल और बहुमुखी लेखक थे. उन्हें स्वतंत्रता के बाद के भारतीय साहित्य के दिग्गजों में से एक माना जाता है.

एमटी ने सात फिल्मों का निर्देशन किया और लगभग 54 फिल्मों की पटकथा लिखी. उन्होंने ओरु वडक्कन वीरगाथा (1989), कदवु (1991), सदायम (1992) और परिणयम (1994) के लिए चार बार सर्वश्रेष्ठ पटकथा का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता, जो पटकथा श्रेणी में एक रिकॉर्ड है.

2005 में, उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. एमटी वासुदेवन नायर को कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिले, जिनमें केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलार पुरस्कार, वलाथोल पुरस्कार, एजुथाचन पुरस्कार, मातृभूमि साहित्य पुरस्कार और ओएनवी साहित्यिक पुरस्कार शामिल है.

ये भी पढ़ें: तृषा कृष्णन के 'बेटे' की हुई मौत, क्रिसमस पर एक्ट्रेस के घर छाया मातम

कोझिकोड: प्रख्यात मलयालम लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एम टी वासुदेवन नायर का निधन हो गया है. वे 91 साल के थे और पिछले कई दिनों से बीमार थे. उन्होंने कोझिकोड के एक प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली.

सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद वासुदेवन को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा. उनका निधन मलयालम सिनेमा और साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है.

एमटी के नाम से मशहूर, वे एक प्रशंसित भारतीय लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक थे. वे आधुनिक मलयालम साहित्य में एक विपुल और बहुमुखी लेखक थे. उन्हें स्वतंत्रता के बाद के भारतीय साहित्य के दिग्गजों में से एक माना जाता है.

एमटी ने सात फिल्मों का निर्देशन किया और लगभग 54 फिल्मों की पटकथा लिखी. उन्होंने ओरु वडक्कन वीरगाथा (1989), कदवु (1991), सदायम (1992) और परिणयम (1994) के लिए चार बार सर्वश्रेष्ठ पटकथा का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता, जो पटकथा श्रेणी में एक रिकॉर्ड है.

2005 में, उन्हें भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. एमटी वासुदेवन नायर को कई प्रतिष्ठित अवार्ड भी मिले, जिनमें केंद्र साहित्य अकादमी पुरस्कार, वायलार पुरस्कार, वलाथोल पुरस्कार, एजुथाचन पुरस्कार, मातृभूमि साहित्य पुरस्कार और ओएनवी साहित्यिक पुरस्कार शामिल है.

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