रामपुर: लोकसभा चुनाव में इस बार हिमाचल में रिकॉर्ड मतदान हुआ है. हिमाचल में हुए इस रिकॉर्ड को अब दोनों ही दल अपने पक्ष में बता रहे हैं. कांग्रेस ने इस मतदान को सत्ता विरोधी करार दिया है और ज्यादा मतदान को अपने पक्ष में बताया है.
हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में जो भारी मतदान हुआ है ये मजबूत लोकतंत्र का संकेत है. उन्होंने कहा कि ये मतदान किसके पक्ष में हुआ है इसका पता नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.
एग्जिट पोल के बारे में पूछे गए सवाल पर वीरभद्र सिंह ने कहा कि ये पूरी तरह से कल्पित है और इसके आधार पर लोकसभा चुनाव का नतीजा नहीं आने वाला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस भारी मतदान का पूरा फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान पूरे प्रदेश का दौरा किया है और उन्हें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस भारी मतों से जीतेगी.
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि हिमाचल में भारी मतदान हुआ है और ये साफ है कि लोगों ने सत्ता के विरुद्ध मतदान किया है. लोगों में मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा साफ देखा जा सकता है. प्रदेश भर में काफी तादाद में लोगों ने मतदान किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादा मतदान निश्चित तौर पर बीजेपी के खिलाफ और कांग्रेस के हक में गया है. राठौर ने कहा कि प्रदेश की चारों सीटें कांग्रेस जीतेगी और देश में भी कांग्रेस की सरकार बनेगी.
बता दें प्रदेश के सभी जिलों में इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ है. लोकसभा चुनाव 2014 में 64.42 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि इस बार करीब 72 फीसदी मतदान हुआ है.
लोकसभा चुनाव के सभी 7 चरण पूरे हो चुके हैं. 23 मई को नतीजे आएंगे. भारत की 17वीं लोकसभा के निर्वाचन के लिए 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों में सात चरणों में आम चुनाव कराए गए. मतदान 11 अप्रैल से 19 मई तक चला. लोकसभा में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 272 सीटें चाहिए. लोकसभा में कुल 543 सीटें हैं. एग्जिट पोल 542 सीटों पर किया गया है.
नतीजे आने से पहले अलग-अलग एजेंसियों ने एग्जिट पोल को लेकर आकलन किए हैं. बहुत सी एजेंसियां एनडीए को 280 से 300 सीट जीतने, जबकि यूपीए को 120 से 130 सीटों पर जीत दर्ज करने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि बहुत बार ऐसा हुआ है जब अंतिम परिणाम एग्जिट पोल के विपरित आए हैं.