शिमला: शहर के लोगों को लगातार बंदरों और कुत्तों के काटने के कारण अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. शहर में बंदरों और कुत्तों के आतंक से लोगों का परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पतालों में रोजाना कुत्तों व बंदरों के काटे लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है.
बता दें कि बुधवार को डीडीयू अस्पताल में कुत्ते के काटने के 12 और बंदरों के काटने के 7 मामले आए हैं. शहर में आवारा कुत्तों का एक झुंड बना हुआ हैं. यहां तक की इनमें कुछ पागल कुत्ते भी बताए जा रहे हैं. वहीं बंदरों ने भी लोगों का रास्ते से गुजरना मुश्किल कर दिया है. बंदरों के हमले से सैकड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं.
जुलाई महीने की अगर बात की जाए तो कुत्तों के काटने से 122 लोग अस्पताल में उपचार करवाने आए हैं. वहीं बंदरों के काटने के 94 मामले सामने आए. लोगों ने कई बार नगर निगम प्रशासन से भी मांग की है कि आवारा कुत्तों से बचने के लिए कोई विशेष नीती बनाई जाए.
नगर निगम प्रशासन वैसे तो कुत्तों से निजात दिलाने के लिए एक से बढ़कर एक दावा करता है, लेकिन अस्पतालों में कुत्तों और बंदरों के काटने के मामले पहुंचने से प्रशासन की पोल खुलती नजर आ रही है.
सीएमओ नीरज मित्तल का कहना है कि डीडीयू अस्पताल में कुत्ते और बंदरों के काटने के रोजाना मामले सामने आ रहे हैं. उन्होंने आम जनता को सावधानी बरतने की सलाह देते हुए कहा कि अगर किसी को कुत्ता या बंदर काट ले तो वे उसी समय रेबिज का टीका लगवाए. उन्होंने कहा कि अगर कुत्ते ने ज्यादा काटा हो तो टैटनस का टीका लगवाना जरूरी है.
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