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Himachal Landslide: हिमाचल में लैंडस्लाइड के कारणों का पता लगाएगी सरकार, जानिए कौन से 7 इंस्टीट्यूट्स को सौंपी जिम्मेदारी? - Himachal Monsoon

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार जमकर तबाही मचाई. वहीं, भारी बारिश से प्रदेशभर में बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई है. जिसकी अब प्रदेश सरकार द्वारा जांच की जाएगी की आखिर क्यों इतनी तादाद में लैंडस्लाइड हुआ है. जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश के 7 बड़े इंस्टीट्यूट्स को सौंपी गई है. (Himachal Landslide) (7 Institutes Investigate Landslide Reasons in Himachal)

Himachal Landslide
हिमाचल लैंडस्लाइड
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 17, 2023, 8:06 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में बड़ी तादाद में लैंडस्लाइड के मामले सामने आए हैं. जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 166 जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है. जिससे प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है. लैंडस्लाइड के चलते प्रदेश में सैकड़ों सड़कें बाधित हो गई, पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हुई, हजारों मकान लैंडस्लाइड की चपेट में आने से तबाह हो गए तो वहीं, कई लोगों ने लैंडस्लाइड में जान गंवाई.

लैंडस्लाइड के कारणों की जांच: हिमाचल प्रदेश में हो रहे लगातार लैंडस्लाइड के मामलों को लेकर अब प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है. आखिर क्यों प्रदेश में इतने ज्यादा लैंडस्लाइड हो रहे हैं, प्रदेश सरकार अब इसका पता लगाएगी. हालांकि प्रदेश में भारी बारिश जरूर हुई है, लेकिन बारिश से इन जगहों पर इतनी बड़ी तादाद लैंडस्लाइड की घटनाएं क्यों और कैसे हुई, इसका पता लगाया जाएगा.

Himachal Landslide
हिमाचल में भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड

7 बड़े इंस्टीट्यूट को सौंपी जिम्मेदारी: हिमाचल में लैंडस्लाइड के कारणों की जांच का जिम्मा प्रदेश सरकार ने 7 बड़े एकेडमिक और रिसर्च इंस्टीट्यूट को सौंपा है. ये इंस्टीट्यूट प्रदेश में लैंडस्लाइड के कारणों की जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि आखिर क्यों प्रदेश में बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही हैं. इसके साथ ही ये इंस्टीट्यूट इन घटनाओं को रोकने के लिए उपाय भी सरकार को सुझाएंगे.

Himachal Landslide
लैंडस्लाइड से हिमाचल में भारी नुकसान

ये इंस्टीट्यूट्स करेंगे लैंडस्लाइड के कारणों की जांच: सरकार ने जिन 7 संस्थानों को यह काम सौंपा है उनमें एनआईटी हमीरपुर को शिमला जिला (शहर छोड़कर) और किन्नौर जिला में जांच का काम दिया है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल चंबा और कांगड़ा जिला में, आईआईटी मंडी मंडी, कुल्लू और लाहौल स्पीति जिले में लैंडस्लाइड की जांच करेंगे. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) चंडीगढ़ शिमला शहर में लैंडस्लाइड की जांच करेगा. सरकार ने शिमला शहर में हुए लैंडस्लाइड की जांच के लिए एक कमेटी पहले ही गठित की है, जिसने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. वहीं, जीएसआई एनएच के साथ मिलकर कालका-शिमला एनएच के ज्योरी-समदोह सेक्शन और मंडी-कुल्लू सेक्शन की भी जांच करेगा. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी देहरादून सोलन जिला में हुए लैंडस्लाइड वाली जगहों को जांचेगा. जबकि सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की सिरमौर जिला में लैंडस्लाइड के कारणों की जांच करेगा.

Himachal Landslide
हिमाचल में लैंडस्लाइड

लैंडस्लाइड के उपायों की करेंगे सिफारिश: मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में इस बार भारी बारिश के कारण बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं. करीब 166 जगहों पर लैंडस्लाइड से भारी जानमाल का नुकसान हुआ है. सरकार ने लैंडस्लाइड के कारणों का पता लगाने का काम 7 इंस्टीट्यूट को दिया है. ये इंस्टीट्यूट प्रदेश के हर जिले में लैंडस्लाइड से सबसे ज्यादा प्रभावित 10-15 क्षेत्रों की जांच करेंगे. ये इंस्टीट्यूट जांच के साथ ही फ्यूचर में लैंडस्लाइड की घटनाओं से बचने के उपायों की सिफारिश सरकार के सामने करेंगे.

3 माह में सौंपेंगे रिपोर्ट: मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया की ये इंस्टीट्यूट अगले दो से तीन माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेंगे. इसमें लैंडस्लाइड के कारणों और उनको रोकने के उपायों की सिफारिश भी देंगे. इनकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार इस तरह के लैंडस्लाइड को रोकने के लिए कदम उठाएगी और इसके आधार पर आगे विस्तृत जांच भी की जा सकेगी.

ये भी पढ़ें: Himachal Monsoon Loss: हिमाचल में मानसून से अब तक 8,679 करोड़ का नुकसान, 428 लोगों की गई जान

शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में बड़ी तादाद में लैंडस्लाइड के मामले सामने आए हैं. जानकारी के अनुसार प्रदेश में करीब 166 जगहों पर लैंडस्लाइड हुआ है. जिससे प्रदेश को भारी नुकसान हुआ है. लैंडस्लाइड के चलते प्रदेश में सैकड़ों सड़कें बाधित हो गई, पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हुई, हजारों मकान लैंडस्लाइड की चपेट में आने से तबाह हो गए तो वहीं, कई लोगों ने लैंडस्लाइड में जान गंवाई.

लैंडस्लाइड के कारणों की जांच: हिमाचल प्रदेश में हो रहे लगातार लैंडस्लाइड के मामलों को लेकर अब प्रदेश सरकार एक्शन मोड में आ गई है. आखिर क्यों प्रदेश में इतने ज्यादा लैंडस्लाइड हो रहे हैं, प्रदेश सरकार अब इसका पता लगाएगी. हालांकि प्रदेश में भारी बारिश जरूर हुई है, लेकिन बारिश से इन जगहों पर इतनी बड़ी तादाद लैंडस्लाइड की घटनाएं क्यों और कैसे हुई, इसका पता लगाया जाएगा.

Himachal Landslide
हिमाचल में भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड

7 बड़े इंस्टीट्यूट को सौंपी जिम्मेदारी: हिमाचल में लैंडस्लाइड के कारणों की जांच का जिम्मा प्रदेश सरकार ने 7 बड़े एकेडमिक और रिसर्च इंस्टीट्यूट को सौंपा है. ये इंस्टीट्यूट प्रदेश में लैंडस्लाइड के कारणों की जांच करेंगे और पता लगाएंगे कि आखिर क्यों प्रदेश में बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हो रही हैं. इसके साथ ही ये इंस्टीट्यूट इन घटनाओं को रोकने के लिए उपाय भी सरकार को सुझाएंगे.

Himachal Landslide
लैंडस्लाइड से हिमाचल में भारी नुकसान

ये इंस्टीट्यूट्स करेंगे लैंडस्लाइड के कारणों की जांच: सरकार ने जिन 7 संस्थानों को यह काम सौंपा है उनमें एनआईटी हमीरपुर को शिमला जिला (शहर छोड़कर) और किन्नौर जिला में जांच का काम दिया है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी हिमाचल चंबा और कांगड़ा जिला में, आईआईटी मंडी मंडी, कुल्लू और लाहौल स्पीति जिले में लैंडस्लाइड की जांच करेंगे. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) चंडीगढ़ शिमला शहर में लैंडस्लाइड की जांच करेगा. सरकार ने शिमला शहर में हुए लैंडस्लाइड की जांच के लिए एक कमेटी पहले ही गठित की है, जिसने सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. वहीं, जीएसआई एनएच के साथ मिलकर कालका-शिमला एनएच के ज्योरी-समदोह सेक्शन और मंडी-कुल्लू सेक्शन की भी जांच करेगा. वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ जियोलॉजी देहरादून सोलन जिला में हुए लैंडस्लाइड वाली जगहों को जांचेगा. जबकि सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की सिरमौर जिला में लैंडस्लाइड के कारणों की जांच करेगा.

Himachal Landslide
हिमाचल में लैंडस्लाइड

लैंडस्लाइड के उपायों की करेंगे सिफारिश: मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल प्रदेश में इस बार भारी बारिश के कारण बड़े स्तर पर लैंडस्लाइड की घटनाएं हुई हैं. करीब 166 जगहों पर लैंडस्लाइड से भारी जानमाल का नुकसान हुआ है. सरकार ने लैंडस्लाइड के कारणों का पता लगाने का काम 7 इंस्टीट्यूट को दिया है. ये इंस्टीट्यूट प्रदेश के हर जिले में लैंडस्लाइड से सबसे ज्यादा प्रभावित 10-15 क्षेत्रों की जांच करेंगे. ये इंस्टीट्यूट जांच के साथ ही फ्यूचर में लैंडस्लाइड की घटनाओं से बचने के उपायों की सिफारिश सरकार के सामने करेंगे.

3 माह में सौंपेंगे रिपोर्ट: मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया की ये इंस्टीट्यूट अगले दो से तीन माह में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौपेंगे. इसमें लैंडस्लाइड के कारणों और उनको रोकने के उपायों की सिफारिश भी देंगे. इनकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार इस तरह के लैंडस्लाइड को रोकने के लिए कदम उठाएगी और इसके आधार पर आगे विस्तृत जांच भी की जा सकेगी.

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