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IPH के CS सहित कई अधिकारियों पर चला HC का 'हथौड़ा', जमानती वारंट जारी - शिमला हाईकोर्ट

उच्च न्यायालय ने सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सहित विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ, अधीक्षण अभियंता, शिमला सर्कल और कार्यकारी अभियंता, सुन्नी डिवीजन, जिला शिमला को जमानती वारंट जारी कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए.

आईपीएच विभाग
शिमला हाईकोर्ट
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Published : Sep 11, 2020, 8:10 PM IST

Updated : Sep 11, 2020, 11:05 PM IST

शिमला: उच्च न्यायालय ने सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सहित विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ, अधीक्षण अभियंता, शिमला सर्कल और कार्यकारी अभियंता, सुन्नी डिवीजन, जिला शिमला को जमानती वारंट जारी कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए.

न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने ये आदेश तत्कालीन ट्रिब्यूनल द्वारा 23.04.2019 को पारित आदेशों की अनुपालना न करने के लिए गोविंद सिंह द्वारा दायर याचिका पर पारित किए. ट्रिब्यूनल ने सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए थे कि वह प्रार्थी को 60 वर्ष की आयु तक विभाग में सेवा करने दे. प्रार्थी ने प्रतिवादियों द्वारा उसका वेतन 12% ब्याज सहित जारी करने का निर्देश देने की प्रार्थना की है. तत्कालीन ट्रिब्यूनल को समाप्त करने के बाद, याचिका उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दी गई थी.

विभाग के उत्तरदायी अधिकारियों को अनुपालना शपथपत्र दायर करने के लिए कई अवसर दिए गए, लेकिन शपथ पत्र दायर नहीं किया गया था. प्रतिवादियों को 10.09.2020 को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश भी दिया गया था. अनुपालना शपथ पत्र दाखिल करने में विफलता के मामले में उन्होंने न तो स्पष्टीकरण दिया और न ही व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.

इसके अलावा उपस्थिति से छूट के लिए उनकी ओर से कोई आवेदन भी दायर नहीं किया गया था. न्यायालय ने पाया कि इन परिस्थितियों में प्रतिवादियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. मामले पर सुनवाई 6 अक्तूबर को होगी.

शिमला: उच्च न्यायालय ने सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सहित विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ, अधीक्षण अभियंता, शिमला सर्कल और कार्यकारी अभियंता, सुन्नी डिवीजन, जिला शिमला को जमानती वारंट जारी कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए.

न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने ये आदेश तत्कालीन ट्रिब्यूनल द्वारा 23.04.2019 को पारित आदेशों की अनुपालना न करने के लिए गोविंद सिंह द्वारा दायर याचिका पर पारित किए. ट्रिब्यूनल ने सिंचाई और जन स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए थे कि वह प्रार्थी को 60 वर्ष की आयु तक विभाग में सेवा करने दे. प्रार्थी ने प्रतिवादियों द्वारा उसका वेतन 12% ब्याज सहित जारी करने का निर्देश देने की प्रार्थना की है. तत्कालीन ट्रिब्यूनल को समाप्त करने के बाद, याचिका उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दी गई थी.

विभाग के उत्तरदायी अधिकारियों को अनुपालना शपथपत्र दायर करने के लिए कई अवसर दिए गए, लेकिन शपथ पत्र दायर नहीं किया गया था. प्रतिवादियों को 10.09.2020 को अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश भी दिया गया था. अनुपालना शपथ पत्र दाखिल करने में विफलता के मामले में उन्होंने न तो स्पष्टीकरण दिया और न ही व्यक्तिगत रूप से पेश हुए.

इसके अलावा उपस्थिति से छूट के लिए उनकी ओर से कोई आवेदन भी दायर नहीं किया गया था. न्यायालय ने पाया कि इन परिस्थितियों में प्रतिवादियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है. मामले पर सुनवाई 6 अक्तूबर को होगी.

Last Updated : Sep 11, 2020, 11:05 PM IST
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