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चालक ने बीच रास्ते में रोक दी दिल्ली जाने वाली आखिरी बस, यात्रियों ने अफसरों को घुमाया फोन

गुरुवार को करसोग से दिल्ली जाने वाली नाईट बस को ओवरलोड होने के चलते चालक ने तत्तापानी में ही खड़ी कर दी. चालक ने ओवरलोडिंग का चालान कटने के डर से बस को खड़ा किया, यात्रियों को एक घंटे तक परेशान होना पड़ा.

ओवरलोड थी दिल्ली जाने वाली आखिरी बस
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Published : Jul 4, 2019, 11:52 PM IST

मंडी: सरकार के ओवरलोडिंग के फरमान से दहशत में आकर चालक बसों को रास्ते में ही खड़ी कर रहे हैं. गुरुवार को करसोग से दिल्ली जाने वाली नाईट बस को ओवरलोड होने के चलते चालक ने तत्तापानी में ही खड़ी कर दी. जिस पर सवारियों ने रास्ते से ही परिवहन निगम के अधिकारियों को फोन लगाकर अपना दवाब बनाया.

वीडियो.

इसके बाद ही ये बस तत्तापानी से एक घंटा देरी से चली. इस दौरान बस में बैठी महिलाओं और बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. करसोग से दिल्ली जाने वाली ये आखिरी बस है और शाम पांच बजे दिल्ली के लिए रवाना होती है. गुरुवार को बस करीब 7 बजे तत्तापानी पहुंची. यहां पर शिमला सहित चंडीगढ़ व दिल्ली जाने वाली कई सवारियां पहले से ही बस के इंतजार में थी. तत्तापानी पहुंचते ही बस ओवरलोड हो गई और चालक ने रास्ते मे ओवरलोडिंग का चालान कटने के डर से बस को रोक दिया. जिस पर एक घंटे तक परेशान रही सवारियों में परिवहन निगम के अधिकारियों को फोन लगाए और उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही बस चली.

ओवरलोड थी दिल्ली जाने वाली आखिरी बस
ओवरलोड थी दिल्ली जाने वाली आखिरी बस

करसोग डिपो में कुल 50 बसें
करसोग डिपो में कुल 50 बसें हैं. इसमें भी औसतन पांच बसें रिपेयर के लिए खड़ी रहती है और कुछ शादी समरोह के लिए भी कुछ बसें बुक होती है. इसके अलावा शिमला डिपो की 5 के करीब बसें शिमला और करसोग रुट पर चल रही है. 15 के करीब प्राइवेट बसें करसोग के विभिन्न रूटों पर दौड़ रही है. इस तरह से कुल 70 के करीब रोजाना करसोग के विभिन्न रूटों पर दौड़ रही है, जो इतनी बड़ी आबादी के लिए बहुत ही कम है. खासकर सुबह और शाम ऑफिस और स्कूल आवर्स में हालात बेकाबू हो जाते हैं.

ऐसे में सरकार के ओवरलोडिंग के फरमान से लोगों में भारी गुस्सा है. वहीं, करसोग डिपो के वर्क्स मैनेजर और आरएम शमशेर सिंह का कहना है कि ओवरलोडिंग वाले इस रूट के लिए एक और बस चलाने के लिए डिमांड भेजी जाएगी.

मंडी: सरकार के ओवरलोडिंग के फरमान से दहशत में आकर चालक बसों को रास्ते में ही खड़ी कर रहे हैं. गुरुवार को करसोग से दिल्ली जाने वाली नाईट बस को ओवरलोड होने के चलते चालक ने तत्तापानी में ही खड़ी कर दी. जिस पर सवारियों ने रास्ते से ही परिवहन निगम के अधिकारियों को फोन लगाकर अपना दवाब बनाया.

वीडियो.

इसके बाद ही ये बस तत्तापानी से एक घंटा देरी से चली. इस दौरान बस में बैठी महिलाओं और बच्चों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. करसोग से दिल्ली जाने वाली ये आखिरी बस है और शाम पांच बजे दिल्ली के लिए रवाना होती है. गुरुवार को बस करीब 7 बजे तत्तापानी पहुंची. यहां पर शिमला सहित चंडीगढ़ व दिल्ली जाने वाली कई सवारियां पहले से ही बस के इंतजार में थी. तत्तापानी पहुंचते ही बस ओवरलोड हो गई और चालक ने रास्ते मे ओवरलोडिंग का चालान कटने के डर से बस को रोक दिया. जिस पर एक घंटे तक परेशान रही सवारियों में परिवहन निगम के अधिकारियों को फोन लगाए और उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही बस चली.

ओवरलोड थी दिल्ली जाने वाली आखिरी बस
ओवरलोड थी दिल्ली जाने वाली आखिरी बस

करसोग डिपो में कुल 50 बसें
करसोग डिपो में कुल 50 बसें हैं. इसमें भी औसतन पांच बसें रिपेयर के लिए खड़ी रहती है और कुछ शादी समरोह के लिए भी कुछ बसें बुक होती है. इसके अलावा शिमला डिपो की 5 के करीब बसें शिमला और करसोग रुट पर चल रही है. 15 के करीब प्राइवेट बसें करसोग के विभिन्न रूटों पर दौड़ रही है. इस तरह से कुल 70 के करीब रोजाना करसोग के विभिन्न रूटों पर दौड़ रही है, जो इतनी बड़ी आबादी के लिए बहुत ही कम है. खासकर सुबह और शाम ऑफिस और स्कूल आवर्स में हालात बेकाबू हो जाते हैं.

ऐसे में सरकार के ओवरलोडिंग के फरमान से लोगों में भारी गुस्सा है. वहीं, करसोग डिपो के वर्क्स मैनेजर और आरएम शमशेर सिंह का कहना है कि ओवरलोडिंग वाले इस रूट के लिए एक और बस चलाने के लिए डिमांड भेजी जाएगी.

Intro:तत्तापानी पहुंचते ही बस ओवरलोड हो गई और चालक ने रास्ते मे ओवरलोडिंग का चालान कटने के डर से बस को यहीं पर खड़ा कर दिया। जिस पर एक घन्टे तक परेशान रही सवारियों में परिवहन निगम के अधिकारियों को फ़ोन लगाए और उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही बस चली।Body:इस रूट पर ओवरलोड थी दिल्ली जाने ये आखिरी बस, चालक ने चालान कटने के डर से रास्ते में ही खड़ी कर दी।
करसोग
सरकार के ओवरलोडिंग के फ़रमान से दहशत में चालक बसों को रास्ते में ही खड़ी कर रहे है। वीरवार को भी करसोग से दिल्ली जाने वाली नाईट बस को ओवरलोड होने के कारण चालक ने तत्तापानी में ही खड़ी कर दी। जिस पर सवारियों ने रास्ते से ही परिवहन निगम के अधिकारियों को फ़ोन लगाकर अपना दवाब बनाया। इसके बाद ही ये बस तत्तापानी से एक घन्टा देरी से चली। इस दौरान बस में बैठी महिलाओं और बच्चों भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ा। करसोग से दिल्ली जाने वाली ये आखिरी बस है। करसोग से ये बस सांय 5 बजे चली। जो करीब 7 बजे तत्तापानी पहुंचे। यहां पर शिमला सहित चंडीगढ़ व दिल्ली जाने वाली कई सवारियां पहले से ही बस के इंतजार में थी। तत्तापानी पहुंचते ही बस ओवरलोड हो गई और चालक ने रास्ते मे ओवरलोडिंग का चालान कटने के डर से बस को यहीं पर खड़ा कर दिया। जिस पर एक घन्टे तक परेशान रही सवारियों में परिवहन निगम के अधिकारियों को फ़ोन लगाए और उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद ही बस चली। जानकारी के मुताबिक रात के समय रास्ते मे बस के इंतजार में खड़ी सवारियों को नहीं बिठाया गया। ऐसे में बिना सींचे समझे सरकार के ओवरलोडिंग के फरमान से लोगों में भारी गुस्सा है। वहीं करसोग डिपो के वर्क्स मैनेजर शमशेर सिंह जिनके पास आरएम का चार्ज है का कहना है कि ओवरलोडिंग वाले इस रूट के लिए एक और बस चलाने के लिए डिमांड भेजी जाएगी।

करसोग डिपो में कुल 50 बसें:

करसोग डिपो में कुल 50  बसें है। इसमें भी औसतन 5 बसें या तो रिपेयर के लिए खड़ी रहती है। शादी समरोह के लिए भी कुछ बसें बुक होती है। इसके अलावा  शिमला डिपो की 5 के करीब बसें शिमला और करसोग रुट पर चल रही है। 15 के करीब प्राईवेट बसें करसोग के विभिन्न रूटों पर दौड़ रही है। इस तरह से कुल 70 के करीब रोजाना करसोग के विभिन्न रूटों पर दौड़ रही है। जो इतनी बड़ी आबादी के लिए बहुत ही कम है। खासकर सुबह और शाम ऑफिस और स्कूल आवर्स में हालात ही बेकाबू हो जाते हैं। 

Conclusion:वहीं करसोग डिपो के वर्क्स मैनेजर शमशेर सिंह जिनके पास आरएम का चार्ज है का कहना है कि ओवरलोडिंग वाले इस रूट के लिए एक और बस चलाने के लिए डिमांड भेजी जाएगी।
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