हैदराबाद: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले कई महीनों से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन यानी अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं. यहां तक कि उन्होंने नए साल 2025 का स्वागत भी अंतरिक्ष से ही किया है. इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने अपने साथी क्रू मेंबर्स के साथ स्पेस से पृथ्वी के कुछ ऐसे नजारे देखे, जो सामान्य नहीं होते.
ISS पर दिखे 16 सूर्योदय और सूर्यास्त
वो इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से (ISS) से एक ही दिन में कई सारे सूर्योदय और सूर्यास्त देख रहे हैं, जो कि एक असामान्य दृश्य है. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने अपने आधिकारिक एक्स (पुराना नाम ट्विटर) अकाउंट के जरिए जानकारी दी कि एक्सपीडिशन 72 के क्रू मेंबर्स नए साल में प्रवेश करते हुए 16 सूर्योदय और सूर्यास्त देखेंगे.
ISS के पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने की फ्रिक्वेंसी के आधार पर यह तय किया गया कि क्रू हर दिन कितने सूर्योदय देखेगा. ISS दिन में लगभग 16 बार पृथ्वी का चक्कर लगाता है, और इसकी औसत गति 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की होती है. यह लगभग 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ता है, और हर चक्कर को पूरा करने में लगभग 90 मिनट का वक्त लेता है.
As 2024 comes to a close today, the Exp 72 crew will see 16 sunrises and sunsets while soaring into the New Year. Seen here are several sunsets pictured over the years from the orbital outpost. pic.twitter.com/DdlvSCoKo1
— International Space Station (@Space_Station) December 31, 2024
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने पिछले कई सालों में कई सूर्यास्तों की पिक्चर्स भी शेयर की हैं, जो अंतरिक्ष से इस सुंदर घटना को दिखाती हैं. इस बार 2024 के जाते और 2025 के आने के दौरान भी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ने पृथ्वी के चक्कर लगाने के दौरान 16 सूर्यास्त और सूर्योदय देखा, जो एक अद्भूत नजारा और अनुभव था.
जून 2024 से फंसे हुए हैं एस्ट्रोनॉट्स
बता दें कि आईएसएस में मौजूद एक्सपीडिशन 72 क्रू में सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर के अलावा इवान वैगनर, डॉन पेटिट, अलेक्जेंडर गोर्बुनोव और निक हैग भी शामिल हैं. ये दोनों अंतरिक्ष यात्री जून से ISS पर फंसे हुए हैं, जबकि उनकी अंतरिक्ष यात्रा सिर्फ एक हफ्ते की थी.
विलियम्स और विलमोर ने फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल में सवार होकर ISS के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन जैसे ही कैप्सूल ने अंतरिक्ष स्टेशन से डॉक किया, उसमें खराबी आ गई और NASA ने उसे सुरक्षित वापसी के लिए अनुपयुक्त करार दे दिया. इसके बाद, इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित वापसी के लिए एक SpaceX कैप्सूल का इंतजार करना पड़ रहा है. अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि अंतरिक्ष में फंसे ये एस्ट्रोनॉट्स मार्च 2025 तक पृथ्वी पर वापस आ सकते हैं.
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