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लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण से कांग्रेस में उत्साह, ऐतिहासिक और दूरदर्शी बताया - RAHUL GANDHIS LOK SABHA SPEECH

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषण से उत्साहित पार्टी नेताओं ने कहा कि अब वे देखेंगे कि प्रधानमंत्री इस बहस का क्या जवाब देते हैं.

Rahul Gandhi giving a speech in Lok Sabha
लोकसभा में भाषण देते राहुल गांधी (ANI)
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By Amit Agnihotri

Published : Feb 3, 2025, 9:23 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण को लेकर खुशी जाहिर की और इसे ऐतिहासिक, दूरदर्शी और राष्ट्रीय नेता के अनुरूप बताया. कांग्रेस नेताओं ने आगे कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान राहुल का भाषण एक राजनेता जैसा था और इससे प्रधानमंत्री मोदी पर मंगलवार शाम को चर्चा का बराबर जवाब देने का दबाव बनेगा.

कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने ईटीवी भारत से कहा, "नेता प्रतिपक्ष के भाषण को आसानी से दूरदर्शी और प्रतिष्ठित कहा जा सकता है. वह एक राजनेता की तरह थे, उन्होंने रचनात्मक राजनीति की और देश के लिए विकासोन्मुखी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना नहीं की, बल्कि केवल यह रेखांकित किया कि सरकार का दृष्टिकोण क्या होना चाहिए था."

ईडन के अनुसार, राहुल का भाषण एक राजनेता जैसा था क्योंकि उन्होंने "युवाओं के लिए रोजगार सृजन के प्रमुख मुद्दे को छुआ और यहां तक ​​स्वीकार किया कि पिछली यूपीए सरकार के दौरान इस समस्या को दूर करने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया गया, बजाय इसके कि वे केवल एनडीए सरकार को दोषी ठहराते." केरल के सांसद ने आगे कहा, "नेता प्रतिपक्ष ने भारत की चीन समस्या और उससे निपटने के तरीकों पर प्रकाश डाला और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. चीन का मुकाबला करने के लिए हमें एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की जरूरत है."

ईडन ने राहुल के आलोचकों की आलोचना करते हुए कहा कि वे पुरानी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "राहुल के भाषण ने लोगों के बीच एक स्पष्ट संदेश भेजा है और प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति पद की बहस में अपने जवाब को उसी के अनुसार ढालना होगा." सत्ता पक्ष के लोग पुराने ढर्रे के हैं इसलिए हमारे नेता को निशाना बना रहे हैं. लेकिन सिर्फ विपक्ष पर हमला करने से लोगों का भला नहीं होगा.

वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का मानना ​​था कि नेता प्रतिपक्ष के भाषण को कई बार सुना जाना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने भारत के लिए एक नई दृष्टि की रूपरेखा प्रस्तुत की. हमारी सीमाओं और हमारी औद्योगिक आपूर्ति शृंखलाओं पर चीन के प्रभाव को देखते हुए यह दृष्टि महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सचमुच, भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे रहना होगा, खासकर ड्रोन, बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और सेंसर के क्षेत्र में. जैसा कि हमारे नेता ने कहा है कि हमें भारतीय युवाओं की क्षमता का दोहन करना होगा और उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाना होगा. गोगोई ने कहा कि इसके लिए हमें एक खुला और समावेशी समाज बनाना होगा, जहां हाशिए पर पड़ी जातियों और जनजातियों को अवसर और सशक्तिकरण तक पहुंच हो.

राहुल के भाषण की उनकी बहन और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सराहना की और कहा कि नेताजी एक राष्ट्रीय नेता की तरह बोल रहे हैं और वह राष्ट्र के बारे में बात कर रहे हैं तथा वह उनकी टिप्पणियों से बहुत खुश हैं.

पार्टी नेताओं के अनुसार, बेरोजगारी के अलावा नेता प्रतिपक्ष ने देश के सामने अन्य चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया, जैसे विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता, चीनी वस्तुओं पर निर्भरता कम करना, इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, ऑप्टिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी भविष्य की तकनीकों को अपनाना, मेक इन इंडिया कार्यक्रम की कमियों को दूर करना और बढ़ते सामाजिक तनाव को कम करना.

सांसद ईडन ने कहा, "भाजपा अक्सर राष्ट्रीय प्रतीक सरदार पटेल और डॉ. अंबेडकर का नाम लेती है, फिर भी वह व्यवहार में उनके सिद्धांतों का पालन नहीं करती. भारत के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का हिस्सा 15.3 प्रतिशत से घटकर 12.6 प्रतिशत रह गया है - जो पिछले 60 वर्षों में सबसे कम है. इससे देश में रोजगार सृजन पर असर पड़ा है.

ये भी पढ़ें -'पीएम का 'मेक इन इंडिया' एक अच्छा आइडिया था, लेकिन...' लोकसभा में बोले राहुल गांधी

नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा में राहुल गांधी के भाषण को लेकर खुशी जाहिर की और इसे ऐतिहासिक, दूरदर्शी और राष्ट्रीय नेता के अनुरूप बताया. कांग्रेस नेताओं ने आगे कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस के दौरान राहुल का भाषण एक राजनेता जैसा था और इससे प्रधानमंत्री मोदी पर मंगलवार शाम को चर्चा का बराबर जवाब देने का दबाव बनेगा.

कांग्रेस सांसद हिबी ईडन ने ईटीवी भारत से कहा, "नेता प्रतिपक्ष के भाषण को आसानी से दूरदर्शी और प्रतिष्ठित कहा जा सकता है. वह एक राजनेता की तरह थे, उन्होंने रचनात्मक राजनीति की और देश के लिए विकासोन्मुखी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण की आलोचना नहीं की, बल्कि केवल यह रेखांकित किया कि सरकार का दृष्टिकोण क्या होना चाहिए था."

ईडन के अनुसार, राहुल का भाषण एक राजनेता जैसा था क्योंकि उन्होंने "युवाओं के लिए रोजगार सृजन के प्रमुख मुद्दे को छुआ और यहां तक ​​स्वीकार किया कि पिछली यूपीए सरकार के दौरान इस समस्या को दूर करने के लिए पर्याप्त काम नहीं किया गया, बजाय इसके कि वे केवल एनडीए सरकार को दोषी ठहराते." केरल के सांसद ने आगे कहा, "नेता प्रतिपक्ष ने भारत की चीन समस्या और उससे निपटने के तरीकों पर प्रकाश डाला और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. चीन का मुकाबला करने के लिए हमें एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की जरूरत है."

ईडन ने राहुल के आलोचकों की आलोचना करते हुए कहा कि वे पुरानी राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "राहुल के भाषण ने लोगों के बीच एक स्पष्ट संदेश भेजा है और प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्रपति पद की बहस में अपने जवाब को उसी के अनुसार ढालना होगा." सत्ता पक्ष के लोग पुराने ढर्रे के हैं इसलिए हमारे नेता को निशाना बना रहे हैं. लेकिन सिर्फ विपक्ष पर हमला करने से लोगों का भला नहीं होगा.

वहीं कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई का मानना ​​था कि नेता प्रतिपक्ष के भाषण को कई बार सुना जाना चाहिए. नेता प्रतिपक्ष ने भारत के लिए एक नई दृष्टि की रूपरेखा प्रस्तुत की. हमारी सीमाओं और हमारी औद्योगिक आपूर्ति शृंखलाओं पर चीन के प्रभाव को देखते हुए यह दृष्टि महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सचमुच, भारत को प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सबसे आगे रहना होगा, खासकर ड्रोन, बैटरी, इलेक्ट्रिक मोटर और सेंसर के क्षेत्र में. जैसा कि हमारे नेता ने कहा है कि हमें भारतीय युवाओं की क्षमता का दोहन करना होगा और उन्हें नई ऊंचाइयों पर ले जाना होगा. गोगोई ने कहा कि इसके लिए हमें एक खुला और समावेशी समाज बनाना होगा, जहां हाशिए पर पड़ी जातियों और जनजातियों को अवसर और सशक्तिकरण तक पहुंच हो.

राहुल के भाषण की उनकी बहन और सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सराहना की और कहा कि नेताजी एक राष्ट्रीय नेता की तरह बोल रहे हैं और वह राष्ट्र के बारे में बात कर रहे हैं तथा वह उनकी टिप्पणियों से बहुत खुश हैं.

पार्टी नेताओं के अनुसार, बेरोजगारी के अलावा नेता प्रतिपक्ष ने देश के सामने अन्य चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया, जैसे विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने की आवश्यकता, चीनी वस्तुओं पर निर्भरता कम करना, इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, ऑप्टिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी भविष्य की तकनीकों को अपनाना, मेक इन इंडिया कार्यक्रम की कमियों को दूर करना और बढ़ते सामाजिक तनाव को कम करना.

सांसद ईडन ने कहा, "भाजपा अक्सर राष्ट्रीय प्रतीक सरदार पटेल और डॉ. अंबेडकर का नाम लेती है, फिर भी वह व्यवहार में उनके सिद्धांतों का पालन नहीं करती. भारत के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का हिस्सा 15.3 प्रतिशत से घटकर 12.6 प्रतिशत रह गया है - जो पिछले 60 वर्षों में सबसे कम है. इससे देश में रोजगार सृजन पर असर पड़ा है.

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