मंडी: हिमाचल प्रदेश में बरसात के सीजन के दौरान भारी बारिश व ब्यास नदी में आई बाढ़ के कारण कीरतपुर-मनाली फोरलेन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. अब कीरतपुर-मनाली फोरलेन के डिजाइन में बदलाव किया जाएगा. इसके लिए एनएचएआई द्वारा आईआईटी के साथ एमओयू साइन किया जाएगा. एमओयू साइन करने के बाद फोरलेन के नए डिजाइन पर काम शुरू होगा और फिर उसी आधार पर इसकी नई डीपीआर बनाकर मंजूरी के लिए मंत्रालय को भेजी जाएगी.
कीरतपुर-मनाली फोरलेन पर आपदा का कहर: गौरतलब है कि मंडी से मनाली तक भारी बारिश, बाढ़ और बादल फटने के कारण कीरतपुर-मनाली फोरलेन को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा है. कहीं-कहीं पर तो फोरलेन का नामोनिशान तक मिट गया है. ऐसे में मौजूदा जगह पर फिर से फोरलेन बना पाना संभव नहीं है. एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी ने बताया कि आईआईटी के साथ एमओयू साइन करके डिजाइन में बदलाव किया जा रहा है.
फोरलेन बनने में लगेगा 2 साल का समय: आईआईटी की मदद इसलिए ली जा रही है, ताकि भविष्य में फोरलेन को और ज्यादा सुरक्षित तरीके से बनाया जा सके. आईआईटी के साथ एमओयू साइन होने के बाद इसकी पूरी डीपीआर बनाई जाएगी और उसे मंजूरी मिलते ही इस कार्य को शुरू कर दिया जाएगा. कीरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट का काम जून 2024 तक पूरा किया जाना था, लेकिन अब इस कार्य को पूरा होने में कम से कम 2 सालों का अतिरिक्त समय लग जाएगा, क्योंकि फोरलेन का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.
190 KM के दायरे में फोरलेन क्षतिग्रस्त: कीरतपुर-मनाली फोरलेन प्रोजेक्ट डायरेक्टर वरुण चारी ने बताया कि कीरतपुर से मनाली तक 190 किलोमीटर के हिस्से पर मंडी से मनाली के बीच फोरलेन को भारी क्षति पहुंची है. यहां पर 20 किलोमीटर के हिस्से में फोरलेन बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ था. जिसमें से 11 किमी के भाग की रेस्टोरेशन कर दी गई है. जबकि अभी फोरलेने के 9 किमी के भाग को रिस्टोर करना बाकी है. उन्होंने बताया कि एनएचएआई की चार सदस्यीय टीम यहां का दौरा करके गई है और उन्होंने प्राथमिक रिपोर्ट में कुछ सुझाव दिए हैं. उन सुझावों पर भी आईआईटी के साथ होने वाले एमओयू के तहत ही कार्य किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: Mandi Landslide: जगह-जगह से टूटा किरतपुर-मनाली फोरलेन, वायरल वीडियो में दिखा खौफनाक मंजर, सैंकड़ों गाड़ियां फंसी