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बिना प्ले ग्राउंड वाले प्ले स्कूल को HC ने दिया बंद करने का आदेश, पेरेंट्स को सताने लगी चिंता

किंडरगार्टन निजी प्ले स्कूल को हाईकोर्ट के बंद करने के आदेशों के बाद अभिभावकों को बच्चों के भविष्य की चिंता सताने लगी है. पेरेंट्स ने ADM कुल्लू से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं.

अभिभावक और प्ले स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे
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Published : Jun 29, 2019, 5:36 PM IST

कुल्लू: ढालपुर के किंडरगार्टन निजी प्ले स्कूल को हाईकोर्ट के बंद करने के आदेशों के बाद अभिभावक चिंता में पड़ गए हैं. प्ले स्कूल में 240 से अधिक बच्चों की एडमिशन हुई थी. स्कूल के बंद होने के बाद अभिभावकों ने एडीएम कुल्लू अक्षय सूद से मुलाकात की. लोगों ने एडीएम से मांग रखी कि जल्द से जल्द उनके बच्चों को प्ले स्कूल की अन्य शाखा में एडमिशन दी जाए.

निजी प्ले स्कूल बंद होने के बाद अभिभावकों को सता रही बच्चों के भविष्य की चिंता

अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने काफी पैसे खर्च कर स्कूल में अपने बच्चों को एडमिशन दिलाई थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेशों के बाद प्ले स्कूल को बंद किया जा रहा है.अभिभावकों का कहना है कि बच्चे बहुत छोटे हैं और इस प्ले स्कूल में उनका मन लग गया था. अब आधा सत्र बीत चुका है. ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है. अभिभावकों ने जिला प्रशासन से फिस के पैसे वापिस करवाने की मांग की है.

बता दें कि निजी प्ले स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों को पूरा नहीं कर रहा था. प्ले स्कूले दो कमरों में चलाया जा रहा था. वहीं, स्कूल के पास अपना प्ले ग्राउंड भी नहीं था. बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी स्कूल नियमों को पूरा नहीं कर रहा था, जिस वजह से हाईकोर्ट ने प्ले स्कूल को बंद करने के आदेश दिए हैं.

कुल्लू: ढालपुर के किंडरगार्टन निजी प्ले स्कूल को हाईकोर्ट के बंद करने के आदेशों के बाद अभिभावक चिंता में पड़ गए हैं. प्ले स्कूल में 240 से अधिक बच्चों की एडमिशन हुई थी. स्कूल के बंद होने के बाद अभिभावकों ने एडीएम कुल्लू अक्षय सूद से मुलाकात की. लोगों ने एडीएम से मांग रखी कि जल्द से जल्द उनके बच्चों को प्ले स्कूल की अन्य शाखा में एडमिशन दी जाए.

निजी प्ले स्कूल बंद होने के बाद अभिभावकों को सता रही बच्चों के भविष्य की चिंता

अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने काफी पैसे खर्च कर स्कूल में अपने बच्चों को एडमिशन दिलाई थी, लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेशों के बाद प्ले स्कूल को बंद किया जा रहा है.अभिभावकों का कहना है कि बच्चे बहुत छोटे हैं और इस प्ले स्कूल में उनका मन लग गया था. अब आधा सत्र बीत चुका है. ऐसे में अभिभावकों को अपने बच्चों की चिंता सता रही है. अभिभावकों ने जिला प्रशासन से फिस के पैसे वापिस करवाने की मांग की है.

बता दें कि निजी प्ले स्कूल शिक्षा विभाग के नियमों को पूरा नहीं कर रहा था. प्ले स्कूले दो कमरों में चलाया जा रहा था. वहीं, स्कूल के पास अपना प्ले ग्राउंड भी नहीं था. बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी स्कूल नियमों को पूरा नहीं कर रहा था, जिस वजह से हाईकोर्ट ने प्ले स्कूल को बंद करने के आदेश दिए हैं.

Intro:उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बंद हुए स्कूल के अभिभावक मिलने पहुंचे एडीएम से
240 बच्चो के स्कूल फीस वापिस करने है आदेश
स्कूल में सुरक्षा के इंतज़ाम न होने के चलते उच्च न्यायालय ने दिए बंद होने के आदेश
आधा सत्र बीत जाने के बाद बच्चो के भविष्य पर मंडरा रहा खतरा

Body:जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर क्षेत्र किंडरगार्टन निजी प्ले स्कूल को हाईकोर्ट के बंद करने के आदेश के चलते अब अभिभावक चिंता में पड़ गए हैं। इस प्ले स्कूल में 240 से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। अब स्कूल बंद होने के चलते सभी छात्र घरों में ही बैठने को मजबूर हो गए हैं। जिसके चलते छात्रों के अभिभावकों ने एडीएम कुल्लू अक्षय सूद से मुलाकात की और मांग रखी कि जल्द से जल्द उनके बच्चों को इसी स्कूल की अन्य शाखा में बैठने की इजाजत दी जाए। अभिभावकों का कहना है कि उन्होंने काफी पैसे खर्च कर स्कूल में अपने बच्चों को एडमिशन दिलाई थी। लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेशों के बाद इसे बंद किया जा रहा है। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे बहुत छोटे हैं और इस प्ले स्कूल में उनका मन लग गया था। अब आधा सत्र भी चुका है तो ऐसे में वे अपने बच्चों को लेकर किस स्कूल में जाए क्योंकि आधा सत्र बीतने के बाद कोई भी स्कूल उनके बच्चों को एडमिशन नहीं देगा। वहीं उन्होंने जिला प्रशासन से भी आग्रह किया कि निजी स्कूल में इनके बच्चों को पढ़ाने के बारे में भी निर्देश जारी किए जाएं ताकि बच्चों का 1 साल बर्बाद ना हो सके।

Conclusion:अभिभावक सम्पदा का कहना है की स्कूल को पहले बच्चो को नए स्कूल से शिफ्ट कर के किसी सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने के आदेश दिए गए थे लेकिन अब स्कूल को बंद कर के सभी अभिभावकों को उनके पैसे वापिस करने के आदेश दिए गए है इस कारण बच्चो के भविष्य पर भी खतरा मंडरा रहा है और इतनी जल्दी स्कूल शिफ्ट करना मुमकिन नहीं है और बच्चे इतने छोटे है की अब आधा सत्र बीतने के बाद किसी दूसरी जगह शिफ्ट करना मुमकिन नहीं है

वही अभिभावकों के साथ आये भारतीय मानवाधिकर परिषद् के जोनल अध्यक्ष पी डी आज़ाद का कहना है की शिक्षा के अधिकार के तहत बच्चो को पढाई का अधिकार है और स्कूल को इतनी जल्दी शिफ्ट करना सही है है हालांकि गलती स्कूल की भी है लेकिन बच्चो के भविष्य को देखते हुए कोई उचित फैसला लेना चाहिए
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