शिमला: किन्नौर में हुई भारी हिमपात के बाद जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था. बर्फबारी होने से जिला के सभी संपर्क व राष्ट्रीय उच्च मार्ग पूरी तरह से बाधित हो गए थे. वहीं, किन्नौर जिले के करीब 90 प्रतिशत क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति ठप रही.
मौसम खुलने के बाद लोक निर्माण विभाग ने बीआरओ मशीन व मजदूरों की मदद से सड़क मार्ग साफ करने में जुटे गए थे. ईटीवी भारत ने इसी सिलसिले में वन विभाग के उपाध्यक्ष सूरत नेगी से बातचीत की.
सूरत नेगी ने कहा कि बर्फबारी के हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं. सुविधाओं की बात करें तो सरकार और जिला प्रशासन बेहतरीन कार्य कर रहा है. क्षेत्र की अधिकतर सड़कों को खोल दिया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए जरूर रुकावट पैदा हुई थी.
सूरत नेगी ने कहा कि बर्फबारी बागवानी के लिए अति आवश्यक है. सेब के लिए चिलिंग ऑवर पूरे होने चाहिए. इसके लिए बर्फ काफी जरूरी है. इस बार बहुत अच्छी बर्फवारी हुई है. किन्नौर में इस बार सेब की फसल अच्छी होने की उम्मीद है. भारी संख्या में लग रहे विद्युत प्रोजेक्ट से किन्नौर को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है.
एफआरए पर बोलते हुए सूरत नेगी ने कहा कि एफआरए 2008 से हिमाचल में लागू है. व्यक्तिगत तौर पर लोगों को अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस विषय पर लंबी चर्चा हुई है. वन निगम के उपाध्यक्ष ने कहा कि इस विषयों पर स्थानीय प्रशासन को प्रशिक्षित कर संवेदनशील बनाने की कोशिश की जा रही है.
वन निगम के उपाध्यक्ष सूरत नेगी ने कहा कि टूरिज्म को विकसित करने के लिए प्रदेश सरकार पूरी कोशिश कर रही है. मुख्यमंत्री ने जिला के टूरिज्म को सबसे ऊपर महत्वपूर्ण विषयों की सूची में रखा है. प्रदेश सरकार रोप- वे और इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर दे रही है, ताकि किन्नौर के पर्यटकों को बेहतरीन सुविधाएं मिल सकें.