धर्मशाला: भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा एवं हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष राकेश कुमार बबली ने धर्मशाला में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि संगठन की ताकत मोदी की नीतियों से हिमाचल में फिर से भाजपा की सरकार रिपीट होगी. इससे पूर्व किसान मोर्चा संसदीय क्षेत्र की बैठक में उन्होंने कहा कि किसान मोर्चा ने प्रदेश के किसानों को जागरूक किया, जिससे कहीं पर भी आंदोलन नहीं हुआ. किसान मोर्चा ने गांव-गांव में जाकर किसानों को जागरूक किया और हमने सफलता पाई.
उन्होंने कहा कि हिमाचल कामगार कल्याण बोर्ड में योजनाओं को बढ़ाकर 13 किया. उन्होंने बताया कि शादी के लिये दी जाने वाली राशि पहले 20 हजार रुपये थी, जिसे बढ़ाकर 50 हजार किया गया. इसी तरह बेटी की शादी पर वित्तीय सहायता के रूप में 51 हजार की एफडी उसके नाम की जा रही है. उन्होंने बताया 3 लाख 65 हजार श्रमिकों का पंजीकरण (Registration of workers in Himachal) किया जा चुका है और जो श्रमिकों छूट गए हैं, उनके लिये जागरूकता अभियान चलाया गया है.
राकेश कुमार ने बताया कि इसके लिये प्रदेश में 14 उपकार्यालय खोले गए, जिनमें आकेले कांगड़ा जिले में 4 कार्यालय खोले गए हैं. ताकि श्रमिकों को भी 13 योजनाओं का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा श्रमिकों के बच्चों केशिक्षा का बजट भी बढ़ाया गया है ताकि श्रमिकों का बच्चा शिक्षा से बंचित न रहे उन्होंने बताया कि पंजीकरण सदस्यों के दो बच्चों की शिक्षा के लिए प्रति वर्ष 8,400 से 48,000 रुपये वितीय सहायता भी प्रदान की जा रही है. इसके साथ ही योजनाओं के साथ इसकी राशि को भी बढ़ाया गया है.
उन्होंने कहा कि किसानों के खाते में सीधे 6 हजार रुपए आ रहे हैं और किसानों को और लाभ मिले इसके लिए भी सरकार से बात की जा रही है. उन्होंने कहा पंजीकृत लाभार्थियों व उनके आश्रितों को चिकित्सा उपचार के लिये 50 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये व गंम्भीर बीमारी पर 5 लाख की सहायता दी जा रही है.
उन्होंने कहा 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद श्रमिक को एक हजार रुपये पेंशन का भी प्रावधान है किया गया है. इसी के साथ दुर्घटना या बीमारी के कारण दिव्यांग हुए श्रमिकों को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती रही है. उन्होंने बताया कि 50 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग होने पर 50 हजार रुपये और 50 प्रतिशत से कम दिव्यांगता पर 25 हजार रुपये आर्थिक मदद दी जाती है. बबली ने कहा कि पंजीकृत श्रमिक की किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 4 लाख रुपये की राहत राशि दी जाती है. प्राकृतिक मृत्यु पर भी दो लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाती है. इसी प्रकार से अंतिम संस्कार के लिए भी 20 हजार रुपये की मदद दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि मातृत्व-पितृत्व योजना के तहत पंजीकृत महिला लाभार्थी को प्रसव अवधि के समय या बच्चे के जन्म पर 25 हजार रुपये की मदद मिलती है और दो प्रसवों तक महिलाओं को समय-समय पर प्रचलित न्यूनतम मजदूरी की दर से 90 दिन से 26 सप्ताह तक मातृत्व अवकाश और छह हजार रुपये की राशि दी जा रही है.
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