शिमला: राजधानी शिमला में उद्यान विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां जानकारी दी कि विभाग के संज्ञान में आया है कि कुछ अपंजीकृत/अनाधिकृत रसायनों जैसे प्रोमालिन और परलान को कुछ रसायन विक्रेताओं ( Perlan chemical sellers in Himachal) द्वारा किसानों को इस दावे से बेचा जा रहा है कि इन रसायनों का गुलाबी कली पर इस्तेमाल और छिड़काव (Action will be taken against Promalin chemical sellers) करने से सेब की गुणवत्ता व उत्पादन में बढ़ोतरी होती है.
उन्होंने कहा कि कीटनाशक अधिनियम 1968 और केन्द्रीय कीटनाशक बोर्ड (Central Insecticide Board) द्वारा इन रसायनों को अनुमोदित नहीं किया गया है और डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन (University of Horticulture and Forestry Nauni Solan) द्वारा इन रसायनों का फल पर उपयोग करने के लिए परीक्षण और अनुमोदन नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ रसायन विक्रेता व फल उत्पादक संघ अपने निजी स्वार्थों के कारण इन रसायनों की अनाधिकृत बिक्री कर रहे हैं.
उद्यान विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि यदि कोई रसायन विक्रेता अनाधिकृत रसायनों को राज्य को विक्रयकर्ता पाया गया तो उसके खिलाफ कीटनाशक अधिनियम 1968 की धारा 29 के तहत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे रसायन विक्रेताओं का लाइसेंस तुरन्त रद्द किया जाएगा. इसलिए प्रदेश के बागवानों से अनुरोध है कि वे विभाग द्वारा अनुमोदित स्प्रे सारिणी के अनुसार ही रसायनों का प्रयोग करें.
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