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विख्यात लोक कलाकार विद्यानंद सरैक को पद्मश्री पुरस्कार, हिमाचल का बढ़ाया मान - Vidyanand Saraik of Himachal

मंगलवार शाम को विद्यानंद सरैक के नाम का पदमश्री पुरस्कार के लिए ऐलान हुआ. 26 जुलाई 1941 में जन्मे लोक कलाकार विद्यानंद सरैक (Padma Shri Award to Vidyanand Saraik) ने एक बार फिर न केवल जिला सिरमौर बल्कि हिमाचल प्रदेश का मान भी बढ़ाया है. विद्यानंद सरैक मूलतः सिरमौर जिले के उपमंडल राजगढ़ के देवठी मझगांव के रहने वाले है. लोक संस्कृति (Vidyanand Saraik of Himachal) के संरक्षक विद्यानंद सरैक को इससे पहले राष्ट्रीय संगीत एवं नाट्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

Padma Shri Award to Vidyanand Saraik
लोक कलाकार विद्यानंद सरैक
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Published : Jan 25, 2022, 10:33 PM IST

नाहन: लोक संगीत के क्षेत्र में सिरमौर जिला से ताल्लुक रखने वाले विख्यात लोक कलाकार विद्यानंद सरैक को पदमश्री पुरस्कार के लिए घोषित किया गया है. मंगलवार शाम को विद्यानंद सरैक के नाम का पदमश्री पुरस्कार के लिए ऐलान हुआ. 26 जुलाई 1941 में जन्मे लोक कलाकार विद्यानंद सरैक (Padma Shri Award to Vidyanand Saraik) ने एक बार फिर न केवल जिला सिरमौर बल्कि हिमाचल प्रदेश का मान भी बढ़ाया है.

विद्यानंद सरैक मूलतः सिरमौर जिले के उपमंडल राजगढ़ के देवठी मझगांव के रहने वाले है. लोक संस्कृति के संरक्षक विद्यानंद सरैक को इससे पहले राष्ट्रीय संगीत एवं नाट्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. बता दें कि विद्यानंद सरैक चार वर्ष की उम्र से ही हिमाचली लोक संस्कृत संस्कृति व ट्रेडिशनल फोक म्यूजिक की विभिन्न विधाओं को संजोए हुए देश-विदेश में अनेक मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं. उन्होंने हिमाचली संस्कृति व लोक विद्याओं पर किताबें लिखी हैं और सांस्कृतिक ध्रुव धरोहरों पर गहन अध्ययन भी किया है. यहीं नहीं उन्होंने ट्रेडिशनल फोक जैसे ठोडा सिंटू, बड़ाहलटू हिमाचल की देव पूजा पद्धति और पान चढे़ सहित नोबल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर के गीतांजलि संस्करण से 51 कविताओं का सिरमौरी भाषा में भी अनुवाद किया.

Padma Shri Award to Vidyanand Saraik
लोक कलाकार विद्यानंद सरैक

इसके अलावा उन्होंने बच्चों का फोटो ड्रामा ‘भू रे एक रोटी’ के अलावा समाधान नाटक, जोकि सुकताल पर आधारित है, का भी मंचन किया है. विद्यानंद अपनी सांस्कृतिक मंडली स्वर्ग लोक नृत्य मंडल के साथ मिलकर व देश-विदेश में कई मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं. विद्यानंद सरैक को इससे पहले भी कई प्रदेशों में व संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है, जिनमें पंजाब कला शास्त्री अकादमी द्वारा लोकनृत्य ज्ञान लोक साहित्य पुरस्कार भी शामिल है.

Padma Shri Award to Vidyanand Saraik
लोक कलाकार विद्यानंद सरैक

विद्यानंद को वर्ष 2016 का गीत एवं नाटक अकादमी द्वारा (Vidyanand Saraik of Himachal) राष्ट्रीय पुरस्कार जोगी देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया था. इस पुरस्कार में उन्हें एक ताम्र पत्र व एक लाख की नकद राशि प्रदान की गई थी. उधर, राजगढ़ की चूड़ेश्वर व आसरा संस्था के सचिव गोपाल हब्बी, जोगिंद्र हब्बी सहित अन्य कलाकारों ने भी लोक कलाकार विद्यानंद सरैक को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने जाने पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि विद्यानंद सरैक को इस सम्मान के लिए चयनित करने से जिला सहित प्रदेश का मान बढ़ा है और यह पूरे जिला व प्रदेश के लिए गौरवान्वित करने वाली बात है.

ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: पालमपुर में अवैध शराब की 9 हजार पेटियां बरामद, हमीरपुर में बार का लाइसेंस रद्द

नाहन: लोक संगीत के क्षेत्र में सिरमौर जिला से ताल्लुक रखने वाले विख्यात लोक कलाकार विद्यानंद सरैक को पदमश्री पुरस्कार के लिए घोषित किया गया है. मंगलवार शाम को विद्यानंद सरैक के नाम का पदमश्री पुरस्कार के लिए ऐलान हुआ. 26 जुलाई 1941 में जन्मे लोक कलाकार विद्यानंद सरैक (Padma Shri Award to Vidyanand Saraik) ने एक बार फिर न केवल जिला सिरमौर बल्कि हिमाचल प्रदेश का मान भी बढ़ाया है.

विद्यानंद सरैक मूलतः सिरमौर जिले के उपमंडल राजगढ़ के देवठी मझगांव के रहने वाले है. लोक संस्कृति के संरक्षक विद्यानंद सरैक को इससे पहले राष्ट्रीय संगीत एवं नाट्य अकादमी द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है. बता दें कि विद्यानंद सरैक चार वर्ष की उम्र से ही हिमाचली लोक संस्कृत संस्कृति व ट्रेडिशनल फोक म्यूजिक की विभिन्न विधाओं को संजोए हुए देश-विदेश में अनेक मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं. उन्होंने हिमाचली संस्कृति व लोक विद्याओं पर किताबें लिखी हैं और सांस्कृतिक ध्रुव धरोहरों पर गहन अध्ययन भी किया है. यहीं नहीं उन्होंने ट्रेडिशनल फोक जैसे ठोडा सिंटू, बड़ाहलटू हिमाचल की देव पूजा पद्धति और पान चढे़ सहित नोबल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर के गीतांजलि संस्करण से 51 कविताओं का सिरमौरी भाषा में भी अनुवाद किया.

Padma Shri Award to Vidyanand Saraik
लोक कलाकार विद्यानंद सरैक

इसके अलावा उन्होंने बच्चों का फोटो ड्रामा ‘भू रे एक रोटी’ के अलावा समाधान नाटक, जोकि सुकताल पर आधारित है, का भी मंचन किया है. विद्यानंद अपनी सांस्कृतिक मंडली स्वर्ग लोक नृत्य मंडल के साथ मिलकर व देश-विदेश में कई मंचों पर हिमाचली संस्कृति की छाप छोड़ चुके हैं. विद्यानंद सरैक को इससे पहले भी कई प्रदेशों में व संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है, जिनमें पंजाब कला शास्त्री अकादमी द्वारा लोकनृत्य ज्ञान लोक साहित्य पुरस्कार भी शामिल है.

Padma Shri Award to Vidyanand Saraik
लोक कलाकार विद्यानंद सरैक

विद्यानंद को वर्ष 2016 का गीत एवं नाटक अकादमी द्वारा (Vidyanand Saraik of Himachal) राष्ट्रीय पुरस्कार जोगी देश के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया गया था. इस पुरस्कार में उन्हें एक ताम्र पत्र व एक लाख की नकद राशि प्रदान की गई थी. उधर, राजगढ़ की चूड़ेश्वर व आसरा संस्था के सचिव गोपाल हब्बी, जोगिंद्र हब्बी सहित अन्य कलाकारों ने भी लोक कलाकार विद्यानंद सरैक को पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुने जाने पर बधाई दी है. उन्होंने कहा कि विद्यानंद सरैक को इस सम्मान के लिए चयनित करने से जिला सहित प्रदेश का मान बढ़ा है और यह पूरे जिला व प्रदेश के लिए गौरवान्वित करने वाली बात है.

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