कुल्लू: आगामी 8 अक्टूबर से आरंभ होने वाले अंतरराष्ट्रीय लोक नृत्य उत्सव 'कुल्लू दशहरा'का उद्घाटन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय करेंगे, जबकि 14 अक्टूबर को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में मौजूद होगे.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 13 अक्टूबर को सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत करेंगे. ये जानकारी वन, परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने परिधि गृह कुल्लू में उत्सव की तैयारियों को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी.
वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि कुल्लू दशहरे ने अपनी विशिष्टताओं के कारण देश-विदेश में ख्याति अर्जित की है. जिससे हम सबका दायित्व बनता है कि महोत्सव को बड़े पैमाने पर और सुव्यवस्थित ढंग से आयोजित किया जाए. उन्होंने कहा कि उत्सव को नया रूप देने व बड़े पैमाने पर आयोजित करने के लिए एक माह पहले तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
वन मंत्री ने बताया कि इस बार दशहरा उत्सव में घाटी के 331 देवी-देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं. देवताओं क साथ बड़ी संख्या में देवलु आते हैं और ऐसे में व्यवस्था बनाना बड़ी चुनौती रहती है. उन्होंने कहा कि देवलुओं की सुरक्षा के भी पुख्ता प्रबंध किए गए हैं.
वन मंत्री ने बताया कि सिनेमा के जाने-माने पाश्रर्व गायक उत्सव में आमंत्रित किए गए हैं, ताकि श्रोताओं को अपेक्षा के अनुरूप सांस्कृतिक संध्याएं देखने को मिले. उन्होंने बताया कि 8 अक्टूबर को पहली सांस्कृतिक संध्या में स्वरूप खान, 9 को सुरेश वाडेकर, 10 को निंजा-पंजाबी संध्या, 11 को ज्योतिका टांगरी व कुशल पाल, 12 को सिराज खान, 13 अक्टूबर को सोनू निगम-बॉलीवुड नाइट व 14 को हिमाचली नाइट आयोजित की जाएगी.
गोविंद ठाकुर ने कहा कि स्थानीय कलाकारों को सभी संध्याओं में अधिमान दिया जाएगा और हिमाचल के विभिन्न भागों के कलाकार व लोक नृत्य दल भी अपनी प्रस्तुतियां देंगे. उन्होंने कहा कि देश-प्रदेश के अलावा दशहरा उत्सव में बाहरी देशों के सांस्कृतिक दलों को भी आमंत्रित किया गया है. जिसमें रूस, मलेशिया और श्रीलंका की प्रस्तुतियों की सहमति मिल चुकी है और कुछ अन्य देशों से भी संपर्क किया जा रहा है.
वन मंत्री ने बताया कि लोक नृत्य उत्सव में पहली बार 2000 बजंतरी एक साथ पारम्परिक वाद्य यंत्रों से 13 अक्टूबर को सुख शांति व स्वच्छता का संदेश देती धुनें प्रस्तुत करेंगे. वाद्य यंत्रों को एक साथ प्रस्तुत करना इन्हें लुप्त होने से बचाना है और पारम्परिक वाद्य यंत्रों को अधिक लोकप्रिय बनाने का प्रयास है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इस बार 200 अधिक जवानों को सुरक्षा में तैनात किया गया है. 500 होम गार्ड जवानों सहित कुल 1700 सुरक्षा कर्मियों को विभिन्न स्थलों पर तैनात किया जाएगा. उन्होंने बताया कि 90 सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए गए हैं जो उत्सव की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे. उत्सव स्थल को 11 विभिन्न सैक्टरों में विभाजित किया गया है. जिसमें एक सैक्टर मैजिस्ट्रेट, एक सैक्टर ऑफीसर व एक सैक्टर पुलिस अधिकारी की तैनाती रहेगी.
मंत्री ने कहा कि उत्सव के दौरान यातायात को सुव्यस्थित करने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं. विभिन्न स्थलों पर अतिरिक्त पार्किंग चिन्हित की गई हैं. हालांकि उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि उत्सव के दौरान वाहन का प्रयोग कम से कम करें, ताकि असुविधा न हो. उन्होंने कहा कि 40 अतिरिक्त बसों की व्यवस्था की गई है जो देर रात तक घाटी के सभी स्थानों की ओर यात्रियों को आवागमन की सुविधा देगी.