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भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष पर दोहरी जिम्मेदारी, बखूबी निभा रहे योगेश

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के बैनर तले किसान पिछले 40 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इस संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह की तबियत खराब हो गई है. जिसके चलते आंदोलन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर आ गई है. ऐसे में वे दिन भर किसानों का नेतृत्व करते हैं और शाम होते ही पुत्र का फर्ज अदा करने के लिए अस्पताल जाते हैं.

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Published : Jan 9, 2021, 8:56 PM IST

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भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष पर दोहरी जिमेदारी

नई दिल्ली/नोएडा: चिल्ला बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के बैनर तले किसान पिछले 40 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस धरने का नेतृत्व शुरुआती दौर में भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने किया, इसी बीच तेज बारिश और ठंड के प्रकोप से राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबियत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. ऐसे में धरने का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर आ गई. अब इस जिम्मेदारी के साथ ही उन्हें बेटे का धर्म भी निभाना पड़ रहा है. दिन भर वे किसानों का नेतृत्व करते हैं और शाम होते ही पुत्र का फर्ज अदा करने राष्ट्रीय अध्यक्ष और पिता भानु प्रताप के पास अस्पताल में उनकी देखरेख करने जाना पड़ रहा है. दोनों ही जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने में योगेश प्रताप लगे हुए हैं.

भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष पर दोहरी जिम्मेदारी
प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी
तेज बारिश ओलावृष्टि और ठंड के चलते भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह की तबीयत अचानक सप्ताह भर पूर्व बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें आनन-फानन में ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा धरना कमजोर ना पड़े इसके लिए धरने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह को सौंपी गई. योगेश प्रताप सिंह के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी आने से उन्हें दो तरफ अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़नी शुरू हो गई. एक तरफ धरने पर किसानों का हौसला बढ़ाना और आगे की रणनीति तय करने की वही दूसरी तरफ अस्पताल में बेड पर पड़े पिता की देखरेख करना पड़ता है. दोनों ही जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए प्रदेश अध्यक्ष दिन में धरना स्थल पर और रात में पिता के साथ पुत्र का फर्ज निभाते हुए उनकी सेवा करने में लगे हुए हैं.
26 जनवरी को दिल्ली कूच करने की तैयारी
योगेश प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि दोनों ही जिम्मेदारियां बड़ी बखूबी से निभाई जा रही हैं. पूरे दिन किसानों के हौसले बढ़ाए जा रहे हैं और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की रणनीति तैयार करने के साथ ही अन्य जिलों और प्रदेशों में रहने वाले किसानों से संपर्क कर उन्हें 26 से पूर्व ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए तैयार करने के लिए संपर्क किया जा रहा है. इसके साथ ही देर रात मौका मिलने पर अस्पताल में जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष और पिता से मुलाकात कर उनकी हाल-चाल जानने का प्रयास करता हूं. उन्होंने बताया कि फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबीयत में सुधार है और बेहतर महसूस कर रहे हैं, उम्मीद की जा रही है कि आने वाली 26 जनवरी से पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वस्थ हो जाएंगे और ट्रैक्टर परेड का नेतृत्व भी वही करेंगे.

नई दिल्ली/नोएडा: चिल्ला बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के बैनर तले किसान पिछले 40 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस धरने का नेतृत्व शुरुआती दौर में भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने किया, इसी बीच तेज बारिश और ठंड के प्रकोप से राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबियत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. ऐसे में धरने का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर आ गई. अब इस जिम्मेदारी के साथ ही उन्हें बेटे का धर्म भी निभाना पड़ रहा है. दिन भर वे किसानों का नेतृत्व करते हैं और शाम होते ही पुत्र का फर्ज अदा करने राष्ट्रीय अध्यक्ष और पिता भानु प्रताप के पास अस्पताल में उनकी देखरेख करने जाना पड़ रहा है. दोनों ही जिम्मेदारियों को बखूबी निभाने में योगेश प्रताप लगे हुए हैं.

भानु गुट के प्रदेश अध्यक्ष पर दोहरी जिम्मेदारी
प्रदेश अध्यक्ष के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी
तेज बारिश ओलावृष्टि और ठंड के चलते भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह की तबीयत अचानक सप्ताह भर पूर्व बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें आनन-फानन में ग्रेटर नोएडा के यथार्थ अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. चिल्ला बॉर्डर पर चल रहा धरना कमजोर ना पड़े इसके लिए धरने की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह को सौंपी गई. योगेश प्रताप सिंह के ऊपर दोहरी जिम्मेदारी आने से उन्हें दो तरफ अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़नी शुरू हो गई. एक तरफ धरने पर किसानों का हौसला बढ़ाना और आगे की रणनीति तय करने की वही दूसरी तरफ अस्पताल में बेड पर पड़े पिता की देखरेख करना पड़ता है. दोनों ही जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हुए प्रदेश अध्यक्ष दिन में धरना स्थल पर और रात में पिता के साथ पुत्र का फर्ज निभाते हुए उनकी सेवा करने में लगे हुए हैं.
26 जनवरी को दिल्ली कूच करने की तैयारी
योगेश प्रताप सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि दोनों ही जिम्मेदारियां बड़ी बखूबी से निभाई जा रही हैं. पूरे दिन किसानों के हौसले बढ़ाए जा रहे हैं और 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की रणनीति तैयार करने के साथ ही अन्य जिलों और प्रदेशों में रहने वाले किसानों से संपर्क कर उन्हें 26 से पूर्व ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए तैयार करने के लिए संपर्क किया जा रहा है. इसके साथ ही देर रात मौका मिलने पर अस्पताल में जाकर राष्ट्रीय अध्यक्ष और पिता से मुलाकात कर उनकी हाल-चाल जानने का प्रयास करता हूं. उन्होंने बताया कि फिलहाल राष्ट्रीय अध्यक्ष की तबीयत में सुधार है और बेहतर महसूस कर रहे हैं, उम्मीद की जा रही है कि आने वाली 26 जनवरी से पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वस्थ हो जाएंगे और ट्रैक्टर परेड का नेतृत्व भी वही करेंगे.
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