गीत सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि वह जीवन दर्शन है-भरत शर्मा व्यास
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भोजपुरी लोकगायक भरत शर्मा व्यास किसी परिचय के मोहताज़ नहीं हैं. इनका जन्म बक्सर के सिमरी प्रखंड के नगपुरा में 1 अगस्त 1957 को हुआ था. भरत शर्मा व्यास ने 1971 से गायकी की शुरूआत की थी. इसी वक्त उनका पहला कैसेट 'गवन काहे ले अईला रिलीज हुआ था'. भोजपुरी गानों में बढ़ती अश्लीलता से भरत शर्मा व्यास काफी आहत हैं. उनका मानना है कि यदि फूहड़पन का यह दौर नहीं थमा तो कई देशों में बोले जाने वाली यह भाषा अपनी पहचान खो देगी.करीब साढ़े चार हजार से ज्यादा गानों को अपनी आवाज दे चुके भरत शर्मा व्यास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि अश्लीलता के पीछे युवा भोजपुरी गीतकारों और गायकों को जिम्मेदार मानता हूं. उन्हें यह समझना होगा कि गीत सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि वह जीवन दर्शन है. गीत-संगीत जीने की कला भी है.भरत शर्मा व्यास को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.