मुंगेर में भूकंप दिवस के दिन दरिद्र नारायण भोज का आयोजन
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15 जनवरी 1934 का दिन मुंगेर के इतिहास में काला अध्याय माना जाता है. इस दिन दोपहर बाद यहां भूकंप 8.4 की तीव्रता से आया था. पूरा शहर मलबा में तब्दील हो गया था. 10,000 से अधिक घर जमींदोज हो गए. 15 सौ के लगभग लोग मारे गए. महात्मा गांधी, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ,सरोजनी नायडू खान अब्दुल गफ्फार खान, जैसे महापुरुषों ने कुदाल फावड़ा लेकर मुंगेर आकर मलबा हटाने का काम किया था. हर साल मुंगेर में भूकंप दिवस का आयोजन कर मृत आत्माओं की शांति के लिए महामृत्युंजय के जाप के साथ हवन पूजन के बाद दरिद्र नारायण भोज का भी आयोजन किया जाता है