बगहा : बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में तीन मगरमच्छों को वन विभाग ने रेस्क्यू कर गंडक नदी में छोड़ा. मगरमच्छ इतने विशालकाय थे कि अगर उनकी पहुंच में कोई इंसान या मवेशी आ जाते तो उनका बचना मुश्किल था. बड़ी ही मशक्कत के बाद तीनों मगरमच्छों को पकड़ा जा सका. साथ ही वन विभाग ने सुनिश्चित किया कि सुरक्षित ढंग से इन्हें वापस गंडक नदी में छोड़ दिया जाए.
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बगहा में तीन मगरमच्छों का रेस्क्यू : दरअसल बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से इन दिनों जंगली जीव-जंतुओं का रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला बगहा के मदनपुर वन क्षेत्र का है. इस वन इलाके में विशालकाय मगरमच्छों को वन विभाग की टीम द्वारा पकड़ा गया है. ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन अपले की टीम ने बारी-बारी से तीनों मगरमच्छों को पकड़ने में सफलता हासिल की.
रिहायशी इलाके में घुस आए थे मगरमच्छ : मदनपुर में विशालकाय मगरमच्छ निकलने की सूचना ग्रामीणों के जरिए मिली तो पूरे इलाके में हड़कंप मच गया. वहीं दूसरा मगरमच्छ सेमरा के टड़वालिया और महिपुर-भथौड़ा गांवों में किसनों के निजी तालाब व पोखर में मगरमच्छों की घुसने की सूचना मिली. ग्रामीणों के सहयोग से उसे पकड़ने में कामयाबी मिली. ये मगरमच्छ इतना खतरनाक था कि ग्रामीणों ने उसके दांतों में लकड़ी का लंबा टुकड़ा डाला उसे दो टुकड़े में तब्दील कर दिया.
स्थानीय ग्रामीण बरतें सावधानी : ग्रामीणों से अपील है कि ऐसे समय में ऐसे खतरनाक जानवरों से दूर रहें और किसी भी प्रकार का जानलेवा प्रयोग न करें. गलती से भी अगर कोई इनके संपर्क में आया तो कोई भी जानमाल का भी नुकसान पहुंच सकता है साथ ही वन्य जीव को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में जिम्मेदार नागरिक की तरह वन विभाग को सूचना दें और जरूरी हो तो किसी को भी नदी नालों और पोखर से तब तक दूर रखें जब तक मगरमच्छों को पकड़ न लिया जाए.
गंडक नदी में मगरमच्छ का दूसरा सबसे बड़ा रहवास : हालांकि तीनों मगरमच्छों को एक-एक कर गंडक नदी में वापस छोड़े जाने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है. बता दें कि भारत में चंबल नदी के बाद गंडक दूसरी बड़ी नदी है जहां भारी संख्या में मगरमच्छ पाए जाते हैं. ऐसे में स्थानीय लोग वन विभाग से जंगली जीव जंतुओं के रिहायशी इलाकों में प्रवेश पर रोकथाम करने कि मांग कर रहे हैं.