नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव की गहमागहमी के बीच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है. रिपोर्ट के मुताबिक, चुनावी मैदान में उतरे 46 प्रतिशत उम्मीदवार कक्षा 5वीं से 12वीं तक ही पढ़े हैं. 29 उम्मीदवार अंगूठा छाप हैं. दिल्ली जैसे शैक्षिक केंद्र में उम्मीदवारों की शिक्षा की ऐसी स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
एडीआर ने जारी की रिपोर्टः चुनाव अधिकार निकाय एडीआर के विश्लेषण के अनुसार दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ रहे 699 उम्मीदवारों में से 46 प्रतिशत का शिक्षा स्तर कक्षा 5 वीं से 12 वीं कक्षा के बीच है. अन्य 46 प्रतिशत उम्मीदवारों ने स्नातक डिग्री से लेकर डॉक्टरेट तक की योग्यता के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त की है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यता पर अपनी रिपोर्ट जारी की है.
699 उम्मीदवारों ने भरा है पर्चाः एडीआर के अनुसार 2020 के चुनाव की तुलना में उम्मीदवारों की संख्या 672 से बढ़कर 699 हो गई है. 699 उम्मीदवारों ने शैक्षणिक विविधता के बारे में जानकारी दी है. एडीआर विश्लेषण के अनुसार 46 प्रतिशत यानी की 324 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा 5 और कक्षा 12 के बीच घोषित की है. यह बुनियादी स्कूली शिक्षा को दर्शाता है. उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले 322 उम्मीदवार हैं.
पिछले चुनाव के उम्मीदवारों से तुलनाः उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों में 126 स्नातक, 84 प्रोफेशनल स्नातक और 104 स्नातकोत्तर हैं. आठ उम्मीदवारों के पास डॉक्टरेट की डिग्री है. इसके अलावा, 18 उम्मीदवारों के पास डिप्लोमा है, जो तकनीकी या व्यावसायिक विशेषज्ञता की एक परत जोड़ता है. छह उम्मीदवारों ने औपचारिक स्कूली शिक्षा के बिना खुद को साक्षर घोषित किया है. 29 ने निरक्षर के रूप में पहचान दी है.
पांच फरवरी को है मतदानः प्रोफेशनल स्नातक पेशेवरों की संख्या 62 से बढ़कर 84 हो गई है. स्नातकोत्तर उम्मीदवारों की संख्या 90 से बढ़कर 104 हो गई है. डॉक्टरेट रखने वालों की संख्या 11 से घटकर आठ हो गई है. अशिक्षित उम्मीदवारों की संख्या 16 से बढ़कर 29 हो गई. बता दें कि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा. मतों की गिनती 8 फरवरी को होगी.
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