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सुपौल: वट सावित्री पर इस तरह करें पूजा, मिलेंगे ये फल

पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाने वाला पवित्र पर्व वट सावित्री जिले में शुक्रवार को मनाया जाएगा. इसको लेकर गुरुवार को बड़ी संख्या में महिलाएं और उनके परिजन बाजार में पूजा सामग्री खरीदते नजर आए.

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Published : May 21, 2020, 11:31 PM IST

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सुपौल: पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाने वाला पवित्र पर्व वट सावित्री जिले में शुक्रवार को मनाया जाएगा. सुहाग की रक्षा के लिए मनाए जाने वाले इस पर्व का काफी महत्व है. सुहागिन महिलाएं सोलहों श्रृंगार का वरण कर वट वृक्ष की पूजा करती हैं. मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव का वास होता है. इसलिए वट वृक्ष की पूजा कर त्रिदेव को प्रसन्न कर सुहागन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र की कामना करती है.

पर्व को लेकर गुरुवार से ही महिलाएं व्रत कर रही है. इसको लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. वहीं इस पर्व से जुड़ी चीजें जैसे- फल-फूल, बांस से बने पंखे और डलिया आदि की बिक्री भी हो रही है. गुरुवार को बड़ी संख्या में महिलाएं और उनके परिजन बाजार में पूजा सामग्री खरीदते नजर आए.

पति की लंबी आयु के लिए की जाती है पूजा
गोसपुर निवासी आचार्य पंडित धर्मेन्द्र नाथ मिश्र ने बताया कि सभी व्रत, पर्व और त्योहारों का प्रचलन हमारे प्राचीन विधि विधान के अनुसार चलता आ रहा है. जिन्हें महिला और पुरूष निष्ठापूर्वक करते हैं. लेकिन ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को होने वाली वट सावित्री व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए काफी महत्व रखता है. इस व्रत को करने से पति को दीर्घ आयु और पुत्र की प्राप्ति होती है.

बांस से बने सामान खरीदती महिलाएं
बांस से बने सामान खरीदती महिलाएं

पूर्वाह्न 11:16 बजे से है शुभ मुहुर्त
आचार्य के अनुसार वटवृक्ष की पूजा गंगाजल, अक्षत, रक्षा सूत्र, चना, फूल, सिंदूर, धूम इत्यादि से करनी चाहिए. रक्षा सूत्र से पांच या सात बार वटवृक्ष की प्रदक्षिणा करनी चाहिए. साथ ही ब्राह्मण भोजन करवाने के बाद दक्षिणा देकर पतिव्रता धर्म का पालन करना चाहिए. शुक्रवार को सुबह के तीसरे एवं चौथे अर्धपहरा को छोड़कर यानि सुबह 8 बजे से दिन के 11:15 तक पूजन वर्जित रहेगा. तत्पश्चात शुभ मुहूर्त 11: 16 मिनट से लेकर पूरे दिन भर रहेगा.

सुपौल: पति की लंबी उम्र के लिए मनाया जाने वाला पवित्र पर्व वट सावित्री जिले में शुक्रवार को मनाया जाएगा. सुहाग की रक्षा के लिए मनाए जाने वाले इस पर्व का काफी महत्व है. सुहागिन महिलाएं सोलहों श्रृंगार का वरण कर वट वृक्ष की पूजा करती हैं. मान्यता है कि वट वृक्ष में त्रिदेव का वास होता है. इसलिए वट वृक्ष की पूजा कर त्रिदेव को प्रसन्न कर सुहागन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र की कामना करती है.

पर्व को लेकर गुरुवार से ही महिलाएं व्रत कर रही है. इसको लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. वहीं इस पर्व से जुड़ी चीजें जैसे- फल-फूल, बांस से बने पंखे और डलिया आदि की बिक्री भी हो रही है. गुरुवार को बड़ी संख्या में महिलाएं और उनके परिजन बाजार में पूजा सामग्री खरीदते नजर आए.

पति की लंबी आयु के लिए की जाती है पूजा
गोसपुर निवासी आचार्य पंडित धर्मेन्द्र नाथ मिश्र ने बताया कि सभी व्रत, पर्व और त्योहारों का प्रचलन हमारे प्राचीन विधि विधान के अनुसार चलता आ रहा है. जिन्हें महिला और पुरूष निष्ठापूर्वक करते हैं. लेकिन ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को होने वाली वट सावित्री व्रत सौभाग्यवती स्त्रियों के लिए काफी महत्व रखता है. इस व्रत को करने से पति को दीर्घ आयु और पुत्र की प्राप्ति होती है.

बांस से बने सामान खरीदती महिलाएं
बांस से बने सामान खरीदती महिलाएं

पूर्वाह्न 11:16 बजे से है शुभ मुहुर्त
आचार्य के अनुसार वटवृक्ष की पूजा गंगाजल, अक्षत, रक्षा सूत्र, चना, फूल, सिंदूर, धूम इत्यादि से करनी चाहिए. रक्षा सूत्र से पांच या सात बार वटवृक्ष की प्रदक्षिणा करनी चाहिए. साथ ही ब्राह्मण भोजन करवाने के बाद दक्षिणा देकर पतिव्रता धर्म का पालन करना चाहिए. शुक्रवार को सुबह के तीसरे एवं चौथे अर्धपहरा को छोड़कर यानि सुबह 8 बजे से दिन के 11:15 तक पूजन वर्जित रहेगा. तत्पश्चात शुभ मुहूर्त 11: 16 मिनट से लेकर पूरे दिन भर रहेगा.

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