छपरा: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 72वीं पुण्यतिथि पर जहां पूरे देश के साथ विदेशों में भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. वहीं सारण जिले के मढ़ौरा की बहू और संगीत नाटक अकादमी से संबंध रखने वाली अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लोकगायिका सरिता साज ने अनूठे अंदाज में अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर याद किया. उन्होंने लोकगायन के माध्यम से महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.
'लोक कला को विलुप्त होने से बचाएं'
ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान सरिता साज ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि हम अपनी लोकसंस्कृति से अपनी पहचान बनाएं. उन्होंने कहा कि हमें लोक कला को विलुप्त होने से बचाने की कोशिश करनी चाहिए. महात्मा गांधी का भी यही उद्देश्य था कि समाज से कुरीतियों को समाप्त किया जाए.
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पूरे विश्व के लोग करते हैं नमन
सरिता साज ने कहा कि देश दुनिया में अहिंसा की अलख जगाने वाले महात्मा गांधी शांति का संदेश देते हुए इस दुनिया को अलविदा कहकर अमर हो गए. उन्होंने कहा कि उनके दिए संदेश को ही याद कर पूरे विश्व के लोग उन्हें नमन करते हैं. साथ ही उनके मार्ग पर चल कर हिंसा की तरफ बढ़ते लोगों को रोकने का संकल्प लेते हैं.