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पप्पू ने छपरा में शराबकांड के पीड़ितों से की मुलाकात, दोषियों के खिलाफ की सख्त कार्रवाई की मांग

Former MP Pappu Yadav ने छपरा में poisonous liquor से मरने वालों के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें ढांढस बंधाया. इस दौरान उन्होंने सरकार से जहरीली शराब को लेकर कानून और ज्यादा सख्त करने का आग्रह किया. पढ़ें पूरी खबर.

जहरीली शराब के पीड़ितों से मिले पप्पू यादव
जहरीली शराब के पीड़ितों से मिले पप्पू यादव
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Published : Aug 18, 2022, 10:40 AM IST

छपराः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत मामले में पीड़ित परिवार से मिलने जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद पप्पू यादव (Former MP Pappu Yadav) पहुंचे. छपरा के मरहौरा थाना अंतर्गत भुवालपुर में बीते दिनों जहरीली शराब (poisonous liquor) पीने से छह लोगों की मौत हो गई थी. जाप सुप्रीमो ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों आर्थिक सहयोग भी किया.

ये भी पढ़ेंः कब तक गरीबों की लाश से खेलेंगे नीतीश, रूडी ने जहरीली शराब मामले में घेरा

शराब नीति की समीक्षा का आग्रहः पीड़ित परिजनों से मुलाकात के दौरान पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराब नीति की समीक्षा कर जहरीली शराब के लिए कुछ कानून को और सख्त करने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार राज्य के विकास के लिए काम करें परंतु शराब नीति पर जरूर समीक्षा होनी चाहिए. जिससे गरीबों को जहरीली शराब पीने के लिए बाध्य ना होना पड़े. ताकि इसके लिए सड़क से संसद तक हुई लड़ाई लड़ेंगे और लगातार पीड़ित परिवारों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयास करेंगे और उनके हक की आवाज को वे सड़क से संसद तक उठाएंगे. उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा. पप्पू यादव ने कहा कि चार दिन में बीजेपी के सुर बदल गए और उन्हें बिहार जंगलराज दिखने लगा. यह अवसरवादी राजनीति की पराकाष्ठा है. उन्होंने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार अच्छे राजनेता हैं. इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है.

शराबबंदी पर उठ रहे हैं सवालः बता दें कि छपरा के मरहौरा में भुआलपुर गांव में बीते दिनों 6 व्यक्ति की मौत हो गई थी. इससे पहले 3 अगस्त को मकेर में कई लोगों की शराब पीने से मृत्यु हुई थी. ऐसे मामले में कई बार पुलिस पल्ला झाड़ते नजर आई है, जिसको लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. मकेर की घटना को लेकर भी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहरीली शराब के सेवन से करीब 173 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2022 में बिहार के बक्सर, सारण और नालंदा जिलों में बैक टू बैक घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई थी. ये घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में शराबबंदी विफल है, लेकिन सरकार इस हकीकत को स्वीकार नहीं करना चाहती.

''अंग्रेजी शराब की नीति में बदलाव होनी चाहिए और जहरीली शराब को लेकर कानून और सख्त की जानी चाहिए. यह मेरा मुख्यमंत्री से आग्रह है'' - पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो

ये भी पढ़ेंः सारण में शराब माफियाओं के खिलाफ छापेमारी अभियान, एंटी लिकर टॉस्क फोर्स गठित

छपराः बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत मामले में पीड़ित परिवार से मिलने जाप सुप्रीमो सह पूर्व सांसद पप्पू यादव (Former MP Pappu Yadav) पहुंचे. छपरा के मरहौरा थाना अंतर्गत भुवालपुर में बीते दिनों जहरीली शराब (poisonous liquor) पीने से छह लोगों की मौत हो गई थी. जाप सुप्रीमो ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और जहरीली शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों आर्थिक सहयोग भी किया.

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शराब नीति की समीक्षा का आग्रहः पीड़ित परिजनों से मुलाकात के दौरान पूर्व सांसद पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शराब नीति की समीक्षा कर जहरीली शराब के लिए कुछ कानून को और सख्त करने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार राज्य के विकास के लिए काम करें परंतु शराब नीति पर जरूर समीक्षा होनी चाहिए. जिससे गरीबों को जहरीली शराब पीने के लिए बाध्य ना होना पड़े. ताकि इसके लिए सड़क से संसद तक हुई लड़ाई लड़ेंगे और लगातार पीड़ित परिवारों की समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रयास करेंगे और उनके हक की आवाज को वे सड़क से संसद तक उठाएंगे. उन्होंने बीजेपी पर भी जमकर निशाना साधा. पप्पू यादव ने कहा कि चार दिन में बीजेपी के सुर बदल गए और उन्हें बिहार जंगलराज दिखने लगा. यह अवसरवादी राजनीति की पराकाष्ठा है. उन्होंने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार अच्छे राजनेता हैं. इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है.

शराबबंदी पर उठ रहे हैं सवालः बता दें कि छपरा के मरहौरा में भुआलपुर गांव में बीते दिनों 6 व्यक्ति की मौत हो गई थी. इससे पहले 3 अगस्त को मकेर में कई लोगों की शराब पीने से मृत्यु हुई थी. ऐसे मामले में कई बार पुलिस पल्ला झाड़ते नजर आई है, जिसको लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. मकेर की घटना को लेकर भी लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले एक साल में जहरीली शराब के सेवन से करीब 173 लोगों की मौत हुई है. जनवरी 2022 में बिहार के बक्सर, सारण और नालंदा जिलों में बैक टू बैक घटनाओं में 36 लोगों की मौत हुई थी. ये घटनाएं साबित करती हैं कि बिहार में शराबबंदी विफल है, लेकिन सरकार इस हकीकत को स्वीकार नहीं करना चाहती.

''अंग्रेजी शराब की नीति में बदलाव होनी चाहिए और जहरीली शराब को लेकर कानून और सख्त की जानी चाहिए. यह मेरा मुख्यमंत्री से आग्रह है'' - पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो

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