ETV Bharat / state

समस्तीपुर: बूढ़ी गंडक में घटा जलस्तर, लोगों ने ली राहत की सांस, घर लौटने की जगी आस - relief

बूढ़ी गंडक नदी में जलस्तर घटने से लोगों घर लौटने की उम्मीद तो जगी है. लेकिन इनका आशियाना ही खत्म हो चुका है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि इस बाढ़ में उनका वहां कुछ भी नहीं बचा है.

समस्तीपुर
author img

By

Published : Aug 1, 2019, 7:45 PM IST

समस्तीपुर: जिले में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है. इससे बाढ़ में विस्थापित लोगों को एक उम्मीद जगी है कि जल्द ही घर लौट जाएंगे. वहीं, बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि सरकार का इंतजाम फेल है.

प्रदेश में शुरुआती बारिश से ही कई जिला बाढ़ से प्रभावित हो गया. इससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. जिले के कई इलाके बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. बाढ़ के पानी में कई घर समा चुके हैं. यहां के लोग कई सप्ताह से घरों से बाहर ही रह रहे हैं. लोग तटबंधों पर जीवन जीने को मजबूर हैं.

बाढ़ पीड़ितों का बयान

'सब कुछ खत्म हो गया'
बूढ़ी गंडक नदी में जलस्तर घटने से लोगों में घर लौटने की उम्मीद तो जगी है. लेकिन इनका आशियाना ही खत्म हो चुका है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि इस बाढ़ में कुछ भी नहीं बचा है. वहां फिर से जिदंगी की शुरुआत करना बहुत मुश्किल है. सरकार की मदद सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही हैं.

समस्तीपुर: जिले में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है. इससे बाढ़ में विस्थापित लोगों को एक उम्मीद जगी है कि जल्द ही घर लौट जाएंगे. वहीं, बाढ़ पीड़ितों का आरोप है कि सरकार का इंतजाम फेल है.

प्रदेश में शुरुआती बारिश से ही कई जिला बाढ़ से प्रभावित हो गया. इससे लोगों का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. जिले के कई इलाके बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित हैं. बाढ़ के पानी में कई घर समा चुके हैं. यहां के लोग कई सप्ताह से घरों से बाहर ही रह रहे हैं. लोग तटबंधों पर जीवन जीने को मजबूर हैं.

बाढ़ पीड़ितों का बयान

'सब कुछ खत्म हो गया'
बूढ़ी गंडक नदी में जलस्तर घटने से लोगों में घर लौटने की उम्मीद तो जगी है. लेकिन इनका आशियाना ही खत्म हो चुका है. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि इस बाढ़ में कुछ भी नहीं बचा है. वहां फिर से जिदंगी की शुरुआत करना बहुत मुश्किल है. सरकार की मदद सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही हैं.

Intro:बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में कमी आने से जंहा बाढ़ के खतरे से सहमे लोगों को राहत मिला है । लेकिन इस गंडक में अपना सबकुछ गंवा चुके बाढ़ विस्थापितों का दर्द दुगुना है । वर्षो से संजोए चल अचल संपत्ति तो गंडक अपने साथ बहा ले गयी , अब चिंता इस बात की , आखिर कैसे पटरी पर आएगी इनकी व इनके परिवार की जिंदगी ।


Body:बीते कई सप्ताह से गंडक के तटबंध पर शरण लिए हुए सैंकड़ो बाढ़ विस्थापितों को यह उम्मीद जरूर है की , अगर मौसम का हाल यैसा ही रहा तो , अगले कुछ दिनों में वे अपने घर वापस लौट सकते है । बीते कई वर्षों से इसी गंडक के गोद मे उन्होंने अपना कच्चा पक्का मकान बनाया था । वैसे इन मकानों में ज्यादातर घर गंडक में पूरी तरह समा चुके है । यही नही अचानक पानी के आने से बहुत से लोगों ने कुछ सामान समेट अपने परिवारों के साथ तटबंध सहारा ले लिया । अब जब वँहा घर ही नही बचा तो , सामान का क्या । बाढ़ विस्थापितों को अब इस बात की चिंता सताने लगा है की , आखिर फिर से कैसे जिंदगी की शुरुआत करेंगे । वंही इनकी निगाहे सरकार के मदद पर भी टिकी है ।

बाईट - बाढ़ विस्थापित ।


Conclusion:गौरतलब है की , बीते कई वर्षों से गंडक के गोद मे रह रहे इन सैंकड़ो परिवारों पर इस साल प्रकृति ने कहर बरपाया है । वंही इस पानी मे सबकुछ गंवा चुके इन विस्थापितों की राह आगे और भी कठिन है ।

ब्रीफ क्लोजिंग पीटीसी ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.