पटना: बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 225 सीट पर जीतने का टारगेट सेट किया है. इसकी तैयारी शुरू हो गयी है. जदयू ने रविवार 24 नवंबर से अपना महाअभियान शुरू कर दिया है. जेडीयू की 7 टीम जिलास्तरीय बैठक कर रही है. इस टीम में 63 मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को शामिल किया गया है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 15 दिसंबर से महिला संवाद यात्रा शुरू करने वाले हैं.
क्या है कार्यक्रम की रूपरेखा ? : सभी जिलों में कार्यक्रम होगा. इस बार की यात्रा की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केवल महिलाओं से संवाद करेंगे. 2025 विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा हो रही है. पहले भी महिलाओं को लेकर मुख्यमंत्री कई बड़ी योजना शुरू कर चुके हैं. कई बड़े फैसले लिए हैं. बता दें कि महिला वोटरों पर नीतीश कुमार की पकड़ मजबूत मानी जा रही है. लोकसभा चुनाव के परिणाम में यह देखने को मिला भी.
महाराष्ट्र और झारखंड से सबकः हाल में महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव हुआ. दोनों जगहों पर सत्ताधारी दल की जीत हुई. यह जीत पिछली जीत से भी बड़ी रही. राजनीति के जानकारों का मानना है कि महाराष्ट्र में लागू की गयी लाडली बहना योजना और झारखंड की मंईयां सम्मान योजना ने सत्ता में वापसी करायी. यह योजनाएं तुरुप का पत्ता साबित हुई. बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यही दांव चलने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, वो पहले से महिलाओं के लिए विकास के लिए काफी काम कर चुके हैं.
चंपारण से यात्रा की शुरुआतः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर बार अपनी यात्रा की शुरुआत चंपारण से करते हैं. अभी तक जो जानकारी मिल रही है इस बार भी चंपारण से ही यात्रा की शुरुआत कर सकते हैं. उसकी तैयारी शुरू हो गई है. कैबिनेट में 225 करोड़ रुपए महिला संवाद यात्रा के लिए स्वीकृति भी की जा चुकी है. मुख्य सचिव के स्तर पर उच्चस्तरीय बैठक में सभी जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री की संवाद यात्रा को लेकर तैयारी करने का निर्देश दिया गया है. विपक्ष, सरकारी धन के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है.
"225 करोड़ रुपए, महिला संवाद यात्रा के लिए व्यवस्था कर ली गई है. नीतीश कुमार महिलाओं का कितना सम्मान करते हैं, सब देख चुका है. प्रधानमंत्री शर्मसार हो चुके हैं. सभी वोट एक साथ ही करते हैं. महिलाएं अलग से वोट करती हैं, यह गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए."- शक्ति यादव, मुख्य प्रवक्ता, आरजेडी
महिलाओं की योजना को लेकर संवेदनशील रहे हैंः जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला केंद्रित योजनाओं को लेकर बहुत ही संवेदनशील रहे हैं. पंचायत में आरक्षण के कारण 60% महिलाएं अगली पंक्ति में आई हैं. जीविका ने राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया है. आज देश में पुलिस बल में सबसे अधिक महिलाओं की संख्या बिहार में है. पूर्ण शराबबंदी से महिलाओं के उत्पीड़न और अपमान की घटनाओं में कमी आई है.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 19 साल के कार्यकाल में यात्रा उनके कामकाज का एक हिस्सा रहा है, जिसके माध्यम से फीडबैक के आधार पर नई योजना भी तैयार करते हैं. इस बार महिला संवाद यात्रा के माध्यम से भी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं."- राजीव रंजन, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू
महिलाओं के लिये चलायी है योजनाः राजनीतिक विशेषज्ञ प्रियरंजन भारती का कहना है नीतीश कुमार को 2005 से महिलाओं का वोट मिलता रहा है. इसका बड़ा कारण यह है कि नीतीश कुमार ने बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर किया. साथ ही कई योजना भी चलायी, उसका भी लाभ मिला. लेकिन कानून व्यवस्था के बेहतर होने के कारण महिलाओं का विश्वास नीतीश कुमार पर रहा है. वहीं राजनीतिक विशेषज्ञ सुनील पांडे का भी कहना है नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं.
"पंचायत में आरक्षण, साइकिल, पोशाक योजना व अन्य इसी तरह की योजनाओं का व्यापक असर पड़ा है. नीतीश कुमार की पकड़ महिला वोटर पर पहले से ही रही है. अब उस वोट बैंक पर पकड़ और मजबूत करने के लिए महिला संवाद यात्रा की तैयारी कर रहे हैं."-सुनील पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ
महिला वोट क्यों है महत्वपूर्णः बिहार में 2010 से लगातार महिलाओं का वोट प्रतिशत पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा है. चुनाव आयोग के आंकड़े के अनुसार 2010 में महिलाओं ने 54.49 फिसदी वोट डाला था. जबकि पुरुषों ने 51.12%. 2010 में एनडीए को बिहार में 206 सीट पर जीत मिली थी और इसका बड़ा कारण था कि महिलाओं को लेकर नीतीश कुमार ने कई बड़े फैसले लिए थे. 2020 और उससे पहले 2019 में भी महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले अधिक वोट किये. उसका लाभ नीतीश कुमार और एनडीए को मिला. 2020 में पुरुषों ने 54.68 फ़ीसदी वोट किया था जबकि महिलाओं ने 59.69 फ़ीसदी यानी पांच फ़ीसदी अधिक वोट किया था.
महिलाओं की योजना का असरः मध्य प्रदेश में पिछले साल सत्ता विरोधी लहर के बावजूद लाडली बहन योजना ने बीजेपी को फिर से जीत दिला दी. हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड में भी महिलाओं की योजना ने सत्ताधारी दल की वापसी करायी. केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आए हैं, तो इसका बड़ा कारण महिलाओं का वोट माना जाता है. केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना और शौचालय योजना का सबसे ज्यादा असर दिखा. अब, नीतीश कुमार ने आधी आबादी को अपनी योजनाओं से 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में साधने की तैयारी में हैं.
महिलाओं से लेंगे फीडबैकः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा में महिलाओं से अब तक सरकार की ओर से किए गए कार्यों के बारे में फीडबैक लेंगे. शराबबंदी को लेकर भी फीडबैक लेंगे और फिर उसके आधार पर दिशा निर्देश देंगे. साथ ही महिलाएं आगे और क्या चाहती हैं, वह भी जानने की कोशिश करेंगे. मुख्यमंत्री की यह यात्रा करीब डेढ़ महीने तक चलेगी. इस यात्रा के बाद मुख्यमंत्री 2025 विधनासभा चुनाव के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकते हैं.
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