पूर्णिया: बुधवार को राज्य स्तरीय स्वास्थ्य टीम सदर अस्पताल के भौतिक निरीक्षण के लिए पहुंची. जहां दो सदस्यीय टीम ने अस्पताल के प्रसव रूम, ओटी, मेटरनिटी वार्ड, एसएनसीयू, आयुष्मान भारत सहित कई अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की जांच की. इस दौरान दो सदस्यीय टीम में शामिल आयुष्मान भारत के ऑपरेशन निदेशक आलोक रंजन व लक्ष्य सर्विलांस अंकेक्षक डॉ उमा शंकर ने संस्थागत प्रसव को लेकर कई तरह के आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
दो सदस्यीय टीम ने कई विभागों का किया निरीक्षण
इस बाबत प्रसव गृह, ओटी, मेटरनिटी वार्ड सहित कई विभागों के निरीक्षण को आये लक्ष्य सर्विलांस अंकेक्षक सह पीएमसीएच के चिकित्सक डॉ उमा शंकर ने बताया सदर अस्पताल परिसर स्थित प्रसव केन्द्र का पहले से ही लक्ष्य प्रमाणीकरण हो चुका है. लेकिन उसका समय-समय पर निरीक्षण किया जाता है. ताकि उसकी अद्दतन जानकारी मिलती रहे. यह पता चल सके कि पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो रही हैं कि नहीं.
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विभागीय फाइलों की भी हुई जांच
इस दौरान संस्थागत व सुरक्षित प्रसव के लिए उपलब्ध संसाधनों का काफी गहनतापूर्वक निरीक्षण किया गया. प्रसूति विभाग से संबंधित सभी तरह की आवश्यक फाइलों की गहन जांच की गयी. अस्पताल के अधिकारियों व कर्मियों से लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित सभी तरह के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई. निरीक्षण के दौरान लेबर रूम से संबंधित फाइलों की भी जानकारी ली गई है. इसके लिए स्टाफ नर्स एवं स्वास्थ्य कर्मियों को पहले से बेहतर कार्य करने के साथ ही आने वाले मरीज व परिजनों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करने की जिम्मेदारी भी दी गई है.
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कोविड काल में बढ़ा सरकारी अस्पतालों के प्रति विश्वास
आयुष्मान भारत ऑपरेशन निदेशक आलोक रंजन ने बताया, वैश्विक महामारी कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान मरीजों के द्वारा सबसे ज्यादा सरकारी अस्पताल का चयन किया गया है. क्योंकि निजी नर्सिंग होम या चिकित्सकों के प्रति जो विश्वास था, वह इस काल में समाप्त हो चुका है. सबसे ज्यादा सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक, नर्स व कर्मचारियों के प्रति विश्वास बढ़ा है.
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दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश
जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है. वैसे तो सदर अस्पताल स्थित प्रसव केंद्र में पहले से ही बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके बावजूद समय-समय पर लक्ष्य प्रमाणीकरण वाले अस्पताल का भौतिक सत्यापन किया जाता है. इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी सेंटर, ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिए बनाये गए एसएनसीयू की गुणवत्ता में सुधार लाना है.