पटना: बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग मामले को लेकर 15 जनवरी को सुनवाई की जाएगी. इसको लेकर पटना हाईकोर्ट में अर्जी डाली गयी थी. शुक्रवार को कोर्ट से सुनवाई की तारीख आने पर जन सुराज के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता वाई वी गिरी ने मीडिया के सामने कई बातें कही.
'नि:शुल्क केस लड़ेंगे': वाईवी गिरी ने बताया कि अभ्यर्थियों के समर्थन में जन सुराज ने सहयोग किया है. हाईकोर्ट में इस याचिका के लिए अभ्यर्थियों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है. बिहार हित और अभ्यर्थियों के हित में इस केस को वह और उनकी टीम नि:शुल्क लड़ रही है.
"28 सेंटर पर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. नियमों का पालन नहीं किया गया है. कई जगह पर जैमर काम नहीं कर रहे थे. कई जगह बिजली बाधित हुई है. 1:00 बजे परीक्षा के क्वेश्चन पेपर सोशल मीडिया पर आ गए थे. कई जगह अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक नहीं हुई है. बहुत सारी गड़बड़ी हुई है. ये सभी याचिका में दी गयी है." -वाई वी गिरी, उपाध्यक्ष, जन सुराज
'पीके का अनशन तुड़वाएं सीएम': वाईवी गिरी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील करते हैं कि इस मामले में पहल करें. बच्चों की बात को सुनें. प्रशांत किशोर का अनशन तुड़वाएं. इस दौरान उन्होंने सवाल भी. कहा कि नीतीश कुमार को इसकी कोई जानकारी नहीं होगी. अधिकारियों और किचन केबिनेट के चंगुल में बुरी तरह फंसे हुए हैं. प्रगति यात्रा में भी नीतीश कुमार जहां जा रहे हैं, उनके आसपास कोई आम आदमी नहीं आ रहा.
लोकतंत्र में नहीं होता इंटरनल जांच: वाईवी गिरी ने दिलीप जायसवाल के बयान पर कहा कि बिहार में लोकतंत्र है राजशाही नहीं है. इसलिए कोई इंटरनल जांच यहां नहीं होती है. जांच करनी है तो सार्वजनिक टीम बनाई जाए. उन्होंने मांग की है कि लोकतंत्र में पारदर्शी तरीके से जांच होनी चाहिए. दरअसल, बीते दिनों दिलीप जायसवाल ने कहा था कि अभ्यार्थियों को लेकर सरकार संवेदनशील है. सरकार इंटरनल रूप से परीक्षा की जांच कर रही है.
पीके का अनशन जारी: बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में प्रशांत किशोर अनशन पर बने हुए हैं. पहले 5 दिन गांधी मैदान में थे. अब 4 दिनों से मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट हैं. पाइप और सुई के माध्यम से प्रशांत किशोर को जरूरी दवाई दी जा रही है. उन्होंने भोजन करने से साफ इनकार कर दिए हैं. पाइप से फूड सप्लीमेंट भी नहीं ले रहे. चिकित्सक डॉ रवि शंकर सिंह ने इस बात पर चिंता जाहिर की है.
"प्रशांत किशोर इसी तरह उन्होंने भोजन नहीं किया और अनशन पर बने रहे तो किडनी और लीवर पर दुष्प्रभाव हो सकता है." -डॉ रवि शंकर सिंह, चिकित्सक, मेदांता
जेल से आने के बाद पीके बीमार: बता दें कि प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में भूख हड़ताल पर है. 13 दिसंबर को आयोजित प्रीलिम्स परीक्षा को रद्द करने के साथ धांधली की जांच की मांग कर रहे हैं. 6 जनवरी की सुबह पुलिस ने प्रशांत किशोर को गांधी मैदान से गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि पीके को कोर्ट से बेल मिल गया था. जेल से बार आने के बाद से प्रशांत किशोर बीमार चल रहे हैं.
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