पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जदयू ने तैयारी शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद मोर्चा संभाल रहे हैं और लगातार पिछले 5 दिनों से जदयू कार्यकर्ताओं से वर्चुअल माध्यम से संवाद कर रहे हैं. वर्चुअल सम्मेलन का आज अंतिम दिन है. जिसमें नीतीश कुमार जहानाबाद, अरवल, गया, नवादा, औरंगाबाद जैसे जिलों के जदयू कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं.
आज 5 जिलों के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ एक अन्ने मार्ग से 7 जून से लगातार वर्चुअल सम्मेलन कर रहे हैं. इस दौरान कार्यकर्ताओं को बिहार सरकार की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का निर्देश दे रहे हैं. मुख्यमंत्री का यह बड़ा चुनावी अभियान है. इससे पहले हालांकि पार्टी के मंत्रियों और विधायकों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बातचीत कर चुके हैं. लेकिन अब पार्टी कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं और आज संवाद का आखिरी दिन है. मुख्यमंत्री का जो कार्यक्रम था.
सभी 38 जिलों के लिए कुछ इस प्रकार से रहा मुख्यमंत्री का कार्यक्रम
- 7 जून को मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण और मुजफ्फरपुर जिले के कार्यकर्ताओं से किया संवाद.
- 8 जून को दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले के कार्यकर्ताओं से किया संवाद.
- 9 जून को सिवान गोपालगंज, वैशाली और सारण जिले के कार्यकर्ताओं से किया संवाद.
- 10 जून को समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, भागलपुर, बांका, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा और लखीसराय जिले के कार्यकर्ताओं से किया संवाद.
- 11 जून को पटना, नालंदा, भोजपुर, रोहतास, कैमूर और बक्सर जिले के कार्यकर्ताओं से किया संवाद.
- 12 जून को जहानाबाद, अरवल, नवादा, गया, औरंगाबाद जिले के कार्यकर्ताओं से कर रहे हैं संवाद.
आज 5 जिलों के कार्यकर्ताओं से संवाद के बाद यह वर्चुअल सम्मेलन सभी 38 जिलों में पूरा हो जाएगा.
बीजेपी-जेडीयू ने चुनाव को लेकर लगाई ताकत
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार की प्रमुख सत्ताधारी दल बीजेपी और जदयू ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. जहां बीजेपी काफी समय से डिजिटल माध्यम से चुनाव की तैयारी कर रही है और बीजेपी की ओर से गृह मंत्री अमित शाह की देश की पहली वर्चुअल रैली सफलतापूर्वक बिहार में आयोजित की गई. तो वहीं नीतीश कुमार बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं से संवाद शुरू कर मजबूती से अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए चुनाव लड़ेगा और इसलिए नीतीश कुमार अपनी तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाह रहे हैं.