पटना: बिहार के सिवान के शरद विवेक सागर (Sharad Vivek Sagar From Siwan) को लोग 21वीं सदी का विवेकानंद कहते हैं. विवेक ने दिखा दिया है कि वह देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद के गृह जिले सिवान के जीरादेई (Jiradei Siwan) का रहने वाला है. युवाओं के प्रेरणाश्रोत स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानने वाला सिवान का लाल शरद विवेक सागर देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लगातार डंका बजा रहा हैं.
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अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भारतीय छात्र शरद सागर को हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन का छात्र संघ अध्यक्ष चुना गया है. 50 देशों के 1,200 से अधिक छात्रों ने शरद सागर को चुना है. चुनाव में 9 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे थे.
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने मंगलवार को चुनाव परिणामों की आधिकारिक घोषणा की. छात्रों के लिए मतदान की अवधि 14 सितंबर को शुरू हुई और 19 सितंबर को समाप्त हुई. अध्यक्ष के रूप में सागर छात्र संघ का नेतृत्व करेंगे, जिसमें एक उपाध्यक्ष, एक प्रशासक और अन्य निर्वाचित सिनेटर शामिल होंगे. सागर को हार्वर्ड में उच्चतम स्कॉलरशिप प्राप्त है और वह प्रतिष्ठित के.सी. महिंद्रा स्कॉलर भी पाते हैं.
जिस तरह स्वामी विवेकानंद ने पूरी दुनिया को अपनी प्रखर विद्वता का लोहा मनवाया था, ठीक उसी तरह खुद को उनकी परछाई मानने वाले विवेक सागर अब विदेशों में भी अपना लोहा मनवा रहे. दुनिया उन्हें युवाओं का प्रेरणास्त्रोत मान रही है.
काफी शांत चित्त व शौम्य व्यक्तित्व वाले विवेक खुद ज्ञान के सागर के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं. अगर वे किसी के सामने आ जाए तो लगेगा ही नहीं कि इतनी कम उम्र में फोर्ब्स की ओर से जारी विश्व के 30 सबसे ज्यादा प्रभावशाली युवाओं में इनका भी नाम शामिल है. इनको जानने वालों का कहना है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के मुलाकात करने की पेशकश करने के बाद ही विवेक ने उनसे मुलाकात की थी.
इतना ही नही इंग्लैंड की महारानी ने भी क्वींस यंग लीडर्स में शरद विवेक सागर को शामिल कर चुकी हैं. सिवान सहित बिहार एवं देश के लिए इससे बड़ी गर्व की बात क्या हो सकती है कि नोबेल पीस सेंटर द्वारा नोबेल शांति पुरस्कार समारोह में बिहार के लाल को आमंत्रित किया गया था.
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संगठनात्मक नेतृत्व के लिहाज से अंग्रेजी एवं हिंदी के फायरब्रांड वक्ता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले बिहार के इस लाल को पूरे विश्व में सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में छात्र संघ के अगले अध्यक्ष के रूप में चुना है. मालूम हो कि हार्वर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में पढ़ रहे लगभग 50 देशों के 1,200 से भी ज्यादा छात्रों द्वारा बिहार के शरद सागर विवेक को छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए चयनित किया गया है.
शरद विवेक सागर की उम्र 2008 में मात्र 16 वर्ष की थी. जब उन्होंने शैक्षिक अवसरों के माध्यम से युवाओं को प्रेरित करने के लिए राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना की थी. पिछले 13 वर्षों से यह संगठन अपने शैक्षणिक अवसरों और प्रशिक्षणों के द्वारा देश के होनहार युवाओं को नए अवसर प्रदान कर रहा है.
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डेक्सटेरिटी ग्लोबल देश के विभिन्न राज्यों में लगभग 65 लाख से भी ज्यादा नौनिहालों एवं युवाओं को शैक्षणिक अवसरों से जोड़ने के बाद उसे प्रशिक्षित करता है. इनके संगठन के छात्र-छात्राओं ने दुनिया भर के नामचीन शैक्षणिक संस्थानों से 52 करोड़ से भी ज्यादे की स्कॉलरशिप हासिल की है.
कोरोना काल में डेक्सटेरिटी ग्लोबल ने भारत के युवाओं के लिए 1000 इंटर्नशिप तैयार किए हैं.पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड के वोखा से लेकर केरल के कन्नूर तक देश के 27 राज्यों एवं 310 जिलों के युवाओं को ग्लोबल ने इंटर्नशिप के साथ करियर ट्रेनिंग भी प्रदान कर चुकी हैं.
करोड़ो दिलों की धड़कन कौन बनेगा करोड़पति में देश के सबसे कम उम्र के युवा विशेषज्ञ के रूप में सदी के महानायक ने उन्हें आमंत्रित किया था. सदी के महानायक अमिताभ बच्चन, विवेक सागर से अनेकों बार मिल चुके हैं. बिग बी की जितनी बार भी विवेक से मुलाकात हुई है उतनी बार वे विवेक की विद्वता और आइडिया के कायल होते रहे हैं.
औसतन देखा जाए तो शरद सागर अभी तक लगभग दो दर्जन से भी ज्यादा राज्यों में लगभग 300 प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर भाषण देते हैं. वर्तमान समय में सोशल साइट्स का जमाना है. इसमें भी विवेक सागर को पांच लाख से भी ज्यादे लोग फॉलो कर चुके हैं.
सिवान के जीरादेई में जन्मे और बाद के दिनों में पटना में पले बढ़े शरद आम लोगों की तरह भीड़-भाड़ वाले इलाकों में आसानी से सड़कों पर चलते फिरते मिल जाएंगे. साधारण सी पैंट-शर्ट पहने, बिना किसी तामझाम के बिहार के युवाओं के प्रेरणास्रोत 70 लाख से भी ज्यादा युवाओं को शैक्षणिक अवसरों से जोड़ने और प्रशिक्षित करने वाले राष्ट्रीय संगठन डेक्सटेरिटी ग्लोबल का सीईओ होने का इन्हें तनिक भी गुमान नहीं हैं.
सोशल मीडिया साईट्स पर किसी को एक लाख फॉलो करने वाले हो जाते हैं तो वे फूले नहीं समाते हैं. विवेक को लगभग 5 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं, लेकिन इनके चेहरे पर गुमान नाम की कोई चीज नहीं है. पटना में पढ़ाई लिखाई करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए 4 करोड़ की छात्रवृत्ति लेकर अमेरिका चले गए. इंटर तक की पढ़ाई पूरी करने तक 6 देशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले बिहार के लाल ने एक नया इतिहास रच दिया है.