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शहीद दिवस : भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को किया जा रहा याद, बिहार में भी गूंजा इंकलाब

आज शहीद दिवस है. शहीद दिवस क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बलिदान के लिए मनाया जाता है. आज के दिन ही तीनों ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले लगा लिया था.

शहीद दिवस
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Published : Mar 23, 2019, 12:16 PM IST

Updated : Mar 25, 2019, 7:20 AM IST

पटना: आज 23 मार्च, वो दिन है जब आजादी के लिए भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु तीनोंखुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गए थे. उनके बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता है. इंकलाब का नारा देने वाले ये वीर सपूत हमेशा याद किये जाते रहेंगे. राजधानी में शहीद दिवस के मौके पर तीनों को श्रद्धांजली दी गई.

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनों को आज के दिन ही अंग्रेजी हुकुमत ने फांसी दी थी. ये घटना भारत के इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है. आज उनके शहादत दिवस के दिन पटना के गांधी मैदान स्थित भगत सिंह चौक पर पटना कमिश्नर रॉबर्ट एल चोंगथु के साथ जिलाधिकारी कुमार रवि ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. यह पूरा कार्यक्रम राजकीय समारोह के रूप में मनाया गया.

पटना में शहादत दिवस मनाते अधिकारी

जरा याद करो कुर्बानी
भगत सिंह चौक पर पहुंचे कमिश्नर और जिलाधिकारी को पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया.उसके बाद दोनों अधिकारियों ने भगत सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, उन्हें नमन किया.2 मिनट का मौन रख शहीद भगत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई थी.

ये थी पूरी कहानी

  • लाहौर षड्यंत्र केस के चलते तीनों को फांसी सुनाई गई थी.
  • भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 1928 को लाहौर में एख ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह था लहौर षड्यंत्र केस.
  • तीनों को 23 मार्च 1931 को लाहौर की सेंट्रल जेल में ही फांसी दे दी गई थी.

पटना: आज 23 मार्च, वो दिन है जब आजादी के लिए भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु तीनोंखुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गए थे. उनके बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता है. इंकलाब का नारा देने वाले ये वीर सपूत हमेशा याद किये जाते रहेंगे. राजधानी में शहीद दिवस के मौके पर तीनों को श्रद्धांजली दी गई.

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव तीनों को आज के दिन ही अंग्रेजी हुकुमत ने फांसी दी थी. ये घटना भारत के इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है. आज उनके शहादत दिवस के दिन पटना के गांधी मैदान स्थित भगत सिंह चौक पर पटना कमिश्नर रॉबर्ट एल चोंगथु के साथ जिलाधिकारी कुमार रवि ने भगत सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. यह पूरा कार्यक्रम राजकीय समारोह के रूप में मनाया गया.

पटना में शहादत दिवस मनाते अधिकारी

जरा याद करो कुर्बानी
भगत सिंह चौक पर पहुंचे कमिश्नर और जिलाधिकारी को पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया.उसके बाद दोनों अधिकारियों ने भगत सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर, उन्हें नमन किया.2 मिनट का मौन रख शहीद भगत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई थी.

ये थी पूरी कहानी

  • लाहौर षड्यंत्र केस के चलते तीनों को फांसी सुनाई गई थी.
  • भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने 1928 को लाहौर में एख ब्रिटिश जूनियर पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह था लहौर षड्यंत्र केस.
  • तीनों को 23 मार्च 1931 को लाहौर की सेंट्रल जेल में ही फांसी दे दी गई थी.
Intro:भगत सिंह भारत के 1 प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी के रूप में जाने जाते हैं उनका जन्म 27 सितंबर को पंजाब के लायलपुर जिला के बंगा गांव में हुआ था जो अब पाकिस्तान में है भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायक के रूप में भी जाने जाते हैं, भगत सिंह को कई भाषाओं का ज्ञान भी था हिंदी उर्दू पंजाबी के अलावा बंगला भाषा के भी वे अच्छे ज्ञानी थे और आज उनके शहादत दिवस के दिन पटना के गांधी मैदान स्थित भगत सिंह चौक पर पटना कमिश्नर रॉबर्ट एल चोंगथु के साथ जिलाधिकारी कुमार रवि ने भगत सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया यह पूरा कार्यक्रम राजकीय समारोह के रूप में मनाया गया


Body:भगत सिंह चौक पर पहुंचे कमिश्नर और जिलाधिकारी को पहले गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया उसके बाद दोनों अधिकारियों ने भगत सिंह के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया फिर 2 मिनट का मौन रख उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी


Conclusion:इस पूरे समारोह को राजकीय समारोह के रूप में मनाया गया
Last Updated : Mar 25, 2019, 7:20 AM IST
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